मुम्बई: मुम्बई में हैदराबाद स्तिथ 'कराची बेकरी' नामक दुकान को लेकर बवाल मचा हुआ है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के मशहूर शहर कराची के नाम पर भारत मे स्तिथ कराची बेकरी को लेकर मनसे ने मोर्चा छेड़ दिया है. जिसके चलते आज मुम्बई में बांद्रा स्तिथ कराची बेकरी के बाहर मनसे द्वारा प्रदर्शन किया गया. मनसे के नेता हाजी सैफ ने दुकान के मैनेजर और ब्रांड के मालिक को नोटिस भी दिया और जल्द से जल्द दुकान का नाम बदलने को लेकर मांग भी की.
मनसे कार्यकर्ताओ द्वारा दुकान के बाहर कराची बेकरी के ब्रांड बॉक्स भी फाडे गए और स्वीट्स भी बर्बाद किया गया. मनसे नेता हाजी सैफ और उनके कार्यकर्ताओं की मांग है कि दुकान का नाम जल्द ही बदला जाए क्योंकि यह नाम हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान के मशहूर शहर पर आधारित हैं.
मामला इतना गरमा गया कि इस बीच मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे विरोध को देख दुकान के मैनेजर रामेश्वर को मजबूरन दुकान के नाम को पेपर से ढकना पड़ा. हाजी सैफ का कहना है कि देश मे कराची बेकरी के जितने भी ब्रांच मौजूद है उन सबके नाम बदले जाए. इसके लिए हमने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है. साथ ही दुकान के मालिक को भी नोटिस दिया है.
कराची नाम को लेकर मचे बवाल पर राजनीती भी गर्म हो गई है. प्रदर्शन करने से पहले मनसे कार्यकर्ताओ ने मनसे के युवा नेता अमित ठाकरे से मुलाकात की. इस बवाल को लेकर कार्यकर्ताओं को मनसे प्रमुख द्वारा हरि झंडी भी मिल गई है.
आपको बता दे कि दरहसल बुधवार को शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर बांद्रा स्तिथ कराची स्वीट्स नामक दुकान देख उसमे दाखिल हुए और दुकान मालिक से दुकान के नाम को लेकर नाराज़गी जताई. साथ ही शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर ने दुकान मिल्क को कराची स्वीट्स नाम बदलने का आग्रह किया. यह वीडियो के वायरल होने के बाद मनसे भी अब फ्रंट फुट पर राजनीती करते हुए दिखाई दे रही है कराची बेकरी. कराची नाम पर अप्पति जताने के लिए मनसे द्वारा प्रदर्शन भी किया गया और दुकान मिल्क को नोटिस भी दिया गया है.
इस पूरे बवाल को देख एबीपी ने कराची बेकरी के मिल्क और मैनेजर रामेश्वर से बात कि. रामेश्वर का कहना है कि हैदराबाद मुख्यालय और ब्रांड के मालिक को इस बात की जानकारी दे दी गई है. बेकरी का नाम बदला जाएगा या नही अभी इसपर मुख्यालय से कोई जानकारी नही मिल पाई है.
पाकिस्तान के मशहूर शहर कराची नाम पर 70 साल पहले स्थापित की गई कराची बेकरी और कराची स्वीट्स पर मचे घमासान पर क्या फैसला किया जाता है ये देखना अहम होगा लेकिन फिलहाल इसपर राजनैतिक पार्टियों को राजनीति करने के लिए एक मुद्दा ज़रूर मिल गया है.