मुंबई: मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित हिंदू जिमखाना से आजाद मैदान तक आज महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की रैली निकाली गई. इस रैली में गैरकानूनी तरीके से भारत आए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को देश के बाहर निकालने की मांग की गई. इस रैली में पार्टी के तमाम कार्यकर्ता पहुंचे.


रैली को संबोधित करते हुए एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को लेकर कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है कि मुस्लिम नागरिकता कानून (CAA) का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएए भारत में जन्मे मुसलमानों के लिए नहीं है. आप किसको अपनी ताकत दिखा रहे हैं?


इससे पहले राज ठाकरे ने 23 जनवरी को अपने भाषण में कहा था "अगर एनआरसी से पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश के बाहर निकाला जाता है तो मेरा पूरा समर्थन है." ऐसे में राज ठाकरे ने जाहिर किया उनकी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ रही हैं.


बीजेपी के नेताओं ने दिया रैली का समर्थन


बीजेपी के नेता इशारों में एमएनएस के महारैली को समर्थन देते नजर आए. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, "देश के लिए मैं सभी से अपील करता हूं कि वो मन से और दिल से देश हित के निर्णयों का साथ दें." इस बात को लेकर शिवसेना ने एमएनएस पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाया. एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने कहा, "शिवसेना हम पर आरोप कर रही कि हम बीजेपी की बी टीम के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि जो खुद एनसीपी की बी टीम बन गई है उन्हें हमें सिखाने की जरूरत नहीं है."


नए झंडे का किया था अनावरण


23 जनवरी को राज ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया था कि अब उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का इंजन अब हिंदुत्व के ट्रैक पर दौड़ेगा. राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के नए झंडे का अनावरण करके पार्टी की नई दिशा और विचारधारा के साफ संकेत दिए थे. अपनी पार्टी के पुराने झंडे के तीन रंगों को बदलते हुए राज ठाकरे ने अपने पार्टी के नए झंडे में केवल एक रंग भगवा रखा, यानि राज ठाकरे अब अपने चाचा बालासाहेब ठाकरे की ही तरह मराठी के मुद्दे को लेकर हिंदुत्व का झंडा हाथ में लेने जा रहे हैं.


राज ठाकरे ने कहा था, " मैं बाला साहेब ठाकरे को अभिवादन करके अपनी पार्टी के नए भगवा झंडे का अनावरण करता हूं." इन शब्दों के साथ राज ठाकरे ने अपनी पार्टी को नई दिशा और नए विचार दिए. दिशा हिंदुत्व और विचार भगवा रंग का. राज ठाकरे के नए झंडे में भगवा रंग के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की राजमुद्रा भी है, यानि राज ठाकरे महाराष्ट्र धर्म को निभाते हुए हिंदुत्व के धर्म को स्वीकार कर अपनी आगे की राजनीति करने जा रहे हैं.


राज ठाकरे की आगे की राह कैसे होगी ये देखना दिलचस्प होगा, लेकिन राज ठाकरे की पार्टी के बदलते चेहरे ने राज्य की राजनीति बदलने की शुरुआत कुछ हद तक कर दी है. चर्चा शुरू हो गई है कि क्या राज्य में बीजेपी-एमएनएस एक साथ आएगी.


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