क्या चाचा-भतीजे फिर एक होंगे. महाराष्ट्र में एनसीपी के दोनों खेमों के नेताओं के बीच लगातार हो रहीं मुलाकात के बाद ये कयास तेज हो गए हैं. हाल ही में शरद पवार खेमे के विधायक रोहित पाटिल ने अजित पवार से मुलाकात की है. इससे पहले एनसीपी विधायक शशिकांत शिंदे ने डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात की थी. 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार के गुट ने कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी महायुति में बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी. महायुति को राज्य में प्रचंड जीत मिली. जबकि शरद पवार के गुट ने अपना अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन किया है. 

क्यों लगाई जा रहीं अटकलें?


चुनाव नतीजों के बाद से शरद पवार और अजित पवार के गुट के साथ आने की चर्चा है. इन चर्चाओं को तब और जोर मिला, जब अजित पवार, एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने दिल्ली में शरद पवार से मुलाकात की थी. तब कहा ये गया था कि ये नेता शरद पवार को जन्मदिन पर बधाई देने पहुंचे हैं. हालांकि, इस बैठक के बाद से एनसीपी के दोनों खेमों के एक होने की अटकलें जारी हैं. 

अजित पवार से मुलाकात के बाद क्या बोले रोहित पाटिल


अब रोहित पाटिल ने अजित पवार से मुलाकात पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम से ये मुलाकात विधानसभा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर आधारित है. रोहित पाटिल ने कहा कि वे ऊर्जा विभाग के तहत अपने क्षेत्र में नए डीपी लगाने के मुद्दे पर डिप्टी सीएम से मिलने आए थे.  

अजित पवार ने कर दी थी बगावत

अजित पवार ने 2019 में चुनाव नतीजों के बाद शरद पावर से बगावत कर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. उनके साथ देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली थी. हालांकि, तब अजित पवार अपने साथ ज्यादा विधायक नहीं ला सके थे. इसके बाद उन्होंने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देकर शरद पवार गुट में वापसी कर ली थी.

इसके बाद जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार बनी तो अजित पवार ने फिर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. हालांकि, 2021 में शिवसेना दो गुटों में बंट गई. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से सीएम बने. इसके कुछ दिन बाद अजित पवार ने फिर बगावत कर ली और अपने साथ लाए विधायकों के साथ वे एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए.