शिर्डीः महाराष्ट्र में साईं बाबा की नगरी शिर्डी आज से अनिश्चितकालीन के लिए बंद हो गई है. ये बंद उद्धव ठाकरे के उस बयान के विरोध में है जिसमें उन्होंने शिर्डी से करीब ढाई सौ किलोमीटर के फासले पर पाथरी नाम के गांव को साईं बाबा का जन्म स्थल बताया था और पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए कि मदद का ऐलान किया था. शिर्डी की तमाम दुकाने होटल और स्टॉल्स आज सुबह से ही बंद थे.
शिर्डी में मंदिर के आस-पास जो फूल- माला की दुकानें और पूजा सामग्री के स्टाल लगते थे वे भी बंद नजर आए. खाने-पीने के रेस्टोरेंट और होटल भी पूरी तरह से बंद रहे.
शिर्डी के इतिहास में पहली बार बंद का एलान
शिर्डी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है इससे पहले चाहे किसी ने भारत बंद का ऐलान किया हो या फिर महाराष्ट्र बंद का शिर्डी कभी बंद नहीं रही लेकिन उद्धव ठाकरे के बयान का विरोध शिर्डी में हर तरफ दिखाई दिया.
शिर्डी निवासियों का कहना है की साईं बाबा का जन्म कहां हुआ ये किसी को पता नहीं है शिर्डी साईं बाबा की कर्मभूमि रही है. उनकी जीवनी साईं चरित्र में भी उनके जन्म स्थान का उल्लेख नहीं है. ऐसे में उद्धव ठाकरे पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थल बताकर भ्रम फैला रहे हैं.
'बयान वापस लें सीएम ठाकरे'
शिर्डी वासियों की मांग है कि उद्धव ठाकरे अपना बयान वापस लें. शिर्डी वालों का कहना है कि उन्हें इस बात पर आपत्ति नहीं है की पाथरी के विकास के लिए सरकार खर्च कर रही है लेकिन पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थान ना बताया जाए.
शिर्डी वालों के विरोध का एक कारण उस आशंका को भी माना जा रहा है कि अगर पाथरी को भी साईं बाबा से जुड़े एक बड़े केंद्र के तौर पर विकसित किया गया तो शिर्डी का महत्व घट सकता है शिर्डी आने वालों की भीड़ पाथरी जा सकती है.
'शिर्डी की अर्थव्यवस्था पर पडे़गा असर'
गौरतलब है किस साईं बाबा की नगरी होने की वजह से शिर्डी में बड़े पैमाने पर कई तरह के कारोबार फल फुल रहे हैं. अगर पाथरी को जन्मस्थल के तौर पर विकसित किया गया तो शिर्डी की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा.
इस बंद की वजह से देश के कोने कोने से शिर्डी पहुंचे भक्तों को असुविधा न हो इसके लिए कई सामाजिक संगठनों ने चाय और नाश्ता बांट रहे हैं. साईं मंदिर ट्रस्ट की ओर से भी खाने पीने का इंतजाम किया गया है.
शिर्डी से शिवसेना के सांसद सदाशिव लोखंडे भी उद्धव ठाकरे के बयान के विरोध में उतरे कहा पहले मैं शिर्डी का हूं और फिर शिवसेना का कार्यकर्ता हूं. उद्धव ठाकरे ने गलत बयान दिया है. उन्होंने ठाकरे को नसीहत दी कि बाबा को बांटो मत. लोखंडे ने कहा कि विवाद खत्म करने के लिए मैं उद्धव ठाकरे से बातचीत भी करूंगा.
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