महाराष्ट्र: महाविकास अघाड़ी सरकार में संग्राम, औरंगाबाद को लिखा गया संभाजीनगर तो बिफर उठी कांग्रेस
मुख्यमंत्री कार्यालय महाराष्ट्र की तरफ से एक ट्वीट किया गया, जिसमें औरंगाबाद को संभाजीनगर के बताया गया है. यह बात महा विकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस को रास नहीं आई और उसने कड़ा विरोध जताया है. इस सरकार के तीन घटक दल कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार में औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को लेकर संग्राम छिड़ गया है. शिवसेना इस शहर का नाम शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी के नाम पर रखना चाहती है,तो कांग्रेस उसे तीनो पार्टिय़ों का कामन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिला रही है. महाविकास अघाड़ी सरकार में तीन घटक दल कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से हुए इस ट्वीट के बाद महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ गया है. सीएम दफ़्तर ने अपने ट्वीट में औरंगाबाद के नाम को संभाजी नगर लिखा तो कांग्रेस भड़क गई. कांग्रेस की तरफ से सरकार में कैबिनेट मंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाला साहेब थोरात ने कहा है की इस तरह की हरकत क़तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, थोरात ने शिवसेना को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिला दी. कांग्रेस पार्टी को एनसीपी का साथ मिल रहा है.
ये रहा ट्वीट....
मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांच्या अध्यक्षतेखाली झालेल्या मंत्रिमंडळाच्या बैठकीत आज पुढीलप्रमाणे निर्णय घेण्यात आले.#मंत्रिमंडळनिर्णय pic.twitter.com/HZd5Vk8p3I
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) January 6, 2021
सरकार में शामिल एनसीपी ने इस मामले को मिलबैठ कर सुलझाने की बात कही.कांग्रेस के विरोध पर शिवसेना ने चुप्पी साधी है लेकिन औरंगाबाद के नामकरण के मुद्दे पर बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उधर बीजेपी इस पूरे मामले पर शिवसेना को निशाने पर ले रही है.
औरंगाबाद के नाम को बदलकर शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी के नाम पर रखने की मांग शिवसेना की काफी पुरानी है. औरंगाबाद में कुछ महीनो में महानगर पालिका के चुनाव है और शायद यही वजह है की सत्ता में बैठी पार्टी पुरानी मांग को फिर एक हवा देकर चुनावी एजेंडा सेट करने की तैयारी में ज्यादा दिख रही है. यही वजह भी है की बुधवार को सीएम ठाकरे ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम छत्रपति संभाजी महाराज करने की मांग की है.
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