पालघर में संतों की हत्या पर SC ने महाराष्ट्र सरकार से मांगी रिपोर्ट, जांच CBI को सौंपने की मांग
महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिनचले गांव में भीड़ ने 16 अप्रैल की रात को महाराज कल्पवृक्ष गिरि (70), महाराज सुशील गिरि (35) और ड्राइवर नीलेश तेलगड़े (30) को चोर समझकर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों की हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांग ली है. याचिका में मामले की जांच सीबीआई को सौंपने या जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई है.
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
वकील शशांक शेखर झा और राशि बंसल की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. इस बात पर संदेह है कि पुलिस ने लोगों को हटाने के लिए बल प्रयोग क्यों नहीं किया? सरकारी मशीनरी की विफलता भी साफ दिखाई दे रही है. लॉकडाउन के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे जमा हो गए?
CID जांच पर एतराज़
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दलील दी, “मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गयी है. इसके मुखिया एडीजी रैंक के अधिकारी हैं, जो खुद राज्य सरकार के लिए काम करते हैं. जब राज्य सरकार की अपनी मशीनरी की विफलता मामले में नजर आ रही हो, तो ऐसे में राज्य सरकार की एजेंसी से मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.“
SC ने सरकार से रिपोर्ट मांगी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अशोक भूषण और संजीव खन्ना ने कहा, “हम मामले पर राज्य से रिपोर्ट मांग रहे हैं. यह रिपोर्ट 4 हफ्ते में दी जाए. उसके बाद आगे सुनवाई होगी.“ याचिकाकर्ता ने 4 हफ्ते के समय को बहुत ज्यादा बताते हुए इसे कम करने की मांग की. लेकिन जजों ने मना कर दिया.
जांच पर रोक नहीं
याचिकाकर्ता ने सीआईडी की तरफ से की जा रही जांच पर रोक लगाने की भी मांग की. लेकिन जजों ने इस तरह का कोई आदेश देने से मना कर दिया. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा, “अभी जो जांच हो रही है, हम उस पर कोई रोक नहीं लगाएंगे. पूरे मामले पर राज्य सरकार की रिपोर्ट देखने के बाद ही आगे कोई आदेश दिया जाएगा.“
HC भी मांग चुका है जवाब
गौरतलब है कि गुरुवार को इसी तरह की एक याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चुका है. वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की तरफ से दायर इस याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. हाई कोर्ट मामले की सुनवाई 22 मई को करेगा.
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