मुंबई: शिवसेना ने बीजेपी से कहा कि वह महाराष्ट्र की सत्ता में बने रहने के लिए दबाव बनाने के तौर-तरीके नहीं अपनाए और पूरे राज्य में तंगहाल किसानों की कर्जमाफी पर ध्यान दे. शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे एक संपादकीय में कहा, ‘‘किसानों का कर्ज माफ करने के लिए महाराष्ट्र को 30,000 करोड़ रूपए की जरूरत है . इतने पैसे कहां से आएंगे, यह सोचने की बजाय वे कोर कमेटी की बैठकें करने और मध्यावधि चुनावों की अफवाहें फैलाने में व्यस्त हैं.’’
बीजेपी ऐसी कोर कमेटी बनाए जो किसानों की कर्ज माफी का तरीका सुझा सके: शिवसेना
संपादकीय के मुताबिक, ‘‘कम से कम 20-25 विपक्षी सदस्यों के अपने संपर्क में होने का दावा करने वाले दबाव के तौर-तरीकों के इस्तेमाल की बजाय बीजेपी को ऐसी कोर कमेटी बनाने की बात करनी चाहिए जो किसानों की कर्ज माफी के तरीके सुझा सके .’’ शिवसेना ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहने की मानसिकता से जितनी जल्दी बाहर निकल जाए, यह किसानों के लिए उतना ही अच्छा होगा.
शिवसेना ने किसानों की चिंता का समाधान के लिए कदम उठाने के लिए योगी की तारीफ की
योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों की चिंता के समाधान की दिशा में पहला कदम उठा लिया है और इस बाबत विचार-विमर्श शुरू कर दिया है कि उत्तरी राज्यों में कर्जमाफी के लिए जरूरी 63,000 करोड़ रूपए कैसे जुटाए जाएं.
शिवसेना ने कहा, ‘‘कम से कम विचार-विमर्श शुरू हो गया . यह कोई छोटी बात नहीं . हम महाराष्ट्र सरकार की इस थोथी दलील से सहमत नहीं कि किसानों की कर्जमाफी से वित्तीय अनुशासन पैदा होगा.’’
संपादकीय में कहा गया, ‘‘नोटबंदी का फैसला भी वित्तीय अनुशासन लाने के लिए किया गया था. क्या मकसद पूरा हुआ ? उत्तर प्रदेश चुनावों में जीत के लिए जिस तरह पैसे खर्च किए गए, यदि उन्हें बचाया गया होता तो इससे दो करोड़ किसानों की कर्जमाफी में मदद मिलती. सत्ता में बैठे बीजेपी के नेता भी बातचीत में इससे सहमति जताते हैं.’’