Maharashtra Balasaheb Thakrey Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की वजह से आया तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA Govt) की सरकार है. सरकार में शिवसेना (Shiv Sena) के साथ कांग्रेस (Congress) और शरद पवार की पार्टी एनसीपी (NCP) भी शामिल है. महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में एक वक्त ऐसा भी था कि जब शिवसेना के संस्थापक प्रदेश के कद्दावर नेता बालासाहेब ठाकरे (Politics) कांग्रेस और एनसीपी को लेकर काफी आक्रामक रूख अपनाते थे. वो अक्सर कांग्रेस को हिंदुत्व का विरोधी बताते रहे थे.


शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे अब उद्धव ठाकरे को बालासाहेब की याद दिला रहे हैं. एकनाथ शिंदे का मानना है कि अब शिवसेना बालासाहेब के विचारों वाली पार्टी नहीं रह गई है. शिंदे गुट ने हाल ही में कहा था कि शिवसेना को हमने हाइजेक नहीं किया बल्कि कांग्रेस और एनसीपी ने हाइजेक कर लिया है.


कांग्रेस पर आक्रामक रहा रूख


महाराष्ट्र में शिवसेना काफी सालों से हिंदुत्व की राजनीति करती रही है. बालासाहेब ठाकरे खुद कभी प्रत्यक्ष तौर पर सत्ता की कुर्सी पर तो नहीं बैठे लेकिन जनता ने उन्हें हमेशा किंगमेकर की भूमिका में देखा है. महाराष्ट्र की राजनीति में बालासाहेब काफी आक्रामकता को लेकर जाने जाते रहे हैं. कांग्रेस को लेकर उनका रवैया काफी सख्त रहा है और उनके विचार कभी कांग्रेस से मेल नहीं खाते थे. बालासाहेब ने साल 2010 में एक लेख में लिखा था कि जब कभी भी देश पर आतंकियों ने हमला किया है तो शिवसेना का स्पष्ट संदेश रहा है कि सिर्फ हिंदुत्व ही इसके खिलाफ लोगों को एकजुट कर सकता है लेकिन कांग्रेस का हिंदुत्व के नाम से एलर्जी है.


कांग्रेस की सियासत पर क्या कहा था?


बाला साहेब ठाकरे ने साल 2004 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा था, "मैं शिवसेना को कांग्रेस नहीं बनने दूंगा और अगर मुझे मालूम होगा कि ऐसा हो रहा है तो मैं अपनी दुकान बंद कर दूंगा. शिवसेना चुनाव नहीं लड़ेगी. हिंदुत्व के लिए ही शिवसेना को मान सम्मान मिल रहा है." उन्होंने कई बार नेहरू-गांधी परिवार पर सिर्फ मुसलमानों को साधकर सियासत करने का आरोप लगाया था. सोनिया गांधी के विदेश मूल का मसला भी उठाते रहे थे.


कांग्रेस पर लगाया था देश बांटने का आरोप


बालासाहेब ठाकरे ने एक बार कहा था, "हमें कांग्रेस से सीख लेने की जरूरत नहीं है." दरअसल राहुल गांधी ने एक बार मुंबई 26/11 हमले को लेकर कहा था कि एनएसजी में शामिल कमांडो उत्तर भारत के ही थे जिन्होंने शहर को बचाया. तब बालासाहेब ठाकरे ने इस मराठा शहीदों का अपमान बताया था और कहा था कि हमें कांग्रेस से सीखने की जरूरत नहीं है राहुल गांधी को इतिहास पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा था कि देश को बांटने में कांग्रेस का सबसे बड़ा हाथ रहा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ये याद रखना चाहिए कि पंडित नेहरू को भी महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगनी पड़ी थी. 


सोनिया गांधी पर रहे हमलावार!


महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने एक भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तीखा वार किया था. उन्होंने उस दौरान कहा था कांग्रेस का कामकाज किन्नरों की तरह है. कोई मर्द नहीं मिला था इसलिए पार्टी ने औरत को अध्यक्ष बना दिया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर पर भी जमकर निशाना साधा था. मणिशंकर अय्यर सांप है और उन्हें मैं महाराष्ट्र में आने नहीं दूंगा. उन्होंने सवाल उठाया था कि सोनिया गांधी खुद कितने स्वतंत्रता सेनानियों का नाम जानती हैं.


NCP को लेकर बालासाहेब की क्या थी राय?


महाराष्ट्र में एनसीपी को लेकर भी बालासाहेब ठाकरे का रूख भी काफी कड़ा था. साल 2002 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान बालासाहेब ने एनसीपी से दोस्ती के सवाल पर कहा था उनसे कभी गठबंधन नहीं होगा. शरद पवार के लेवल पर कुछ बात नहीं होगी. मान लो पवार के साथ दोस्ती कर ली और फिर मध्यावधि चुनाव आ गया तो लोग क्या कहेंगे? लोग कहेंगे कि कल तक तो गालियां दे रहे थे और अब दोस्त बन गए. 


महाराष्ट्र में बोलती थी तूती


देश की राजनीति में बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thakrey) की अलग पहचान थी. वो खुद भी कई बार कहते दिखे थे कि लोग उन्हें किंगमेकर के रूप में जानते हैं और किंगमेकर को कुर्सी की क्या जरूरत है वो उससे ऊपर हैं. महाराष्ट्र के पुणे में 1927 में जन्मे बालासाहेब ठाकरे जिंदगी भर मराठी मानुष के हक की लड़ाई लड़ते रहे. उनके तेवर बिल्कुल अलग थे. पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में उनकी तूती बोलती थी. आज जब उनकी शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार चला रही है तो शिवसेना के सिपाही सवाल उठाते हुए बगावत पर उतर आए हैं.


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