मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद जारी है. गौरतलब है कि शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा है लेकिन अभी तक बात नहीं बन पाई है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस पर फैसला नहीं ले पा रही है इसलिए इसमें देरी हो रही है. इस बीच शिवसेना के खेमे से अहम खबर सामने आ रही है. एनसीपी और कांग्रेस के रुख को देखते हुए अब शिवसेना ने 22 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. ये बैठक उद्धव ठाकरे के आवास पर होगी.


शिवसेना के एक नेता ने कहा कि इस बैठक को खुद पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे संबोधित करेंगे. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बैठक में राज्य में सरकार के गठन को लेकर चर्चा हो सकती है. राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है. उधर सरकार बनाने में हो रही देरी पर शिवसेना संजय राउत ने आज बयान दिया. उन्होंने कहा कि सरकार बनाने में देरी होती है.





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क्यों हो रही है देरी


कहा जा रहा है कि कांग्रेस फैसला करने में देरी कर रही है. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मुलाकात की लेकिन सरकार के गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. इस मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. शरद पवार के इस बयान के बाद से सरकार के गठन पर सस्पेंस बढ़ गया है. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने सरकार बनाने में हो रही देरी पर पार्टी के हाई कमान को चेताया है और कहा है कि देरी की वजह से नुकसान हो सकता है.


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जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं. तीनों मिलकर आसानी से सरकार बना सकते हैं. राज्य में बहुमत के आंकड़े 145 के सामने तीनों पार्टियों को मिलाकर 154 विधायक होते हैं.


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