Maharashtra: बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने मुंबई को लेकर एक टिप्पणी की थी जिसके बाद महाराष्ट्र की सत्ता में विवाद शुरू हो गया. दरअसल राज्यपाल ने एक कार्यक्रम के दौरान मुंबई के आर्थिक राजधानी होने का श्रेय यहां रहने वाले राजस्थानियों और गुजरातियों को दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरा इरादा मराठियों के अपमान का बिल्कुल भी नहीं था मैं तो बस गुजरातियों और राजस्थानियों के योगदान की प्रशंसा कर रहा था.
वहीं राज्यपाल की इस विवादित टिप्पणी को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के जरिये उनपर जमकर निशाना साधा है. सामना में लिखा गया है कि राज्यपाल एक संवैधानिक एवं प्रतिष्ठित पद है. कई राज्यपालों ने इस पद की प्रतिष्ठा रखने का कार्य किया है, लेकिन महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल इसका अपवाद साबित हुए हैं. बीते करीब तीन साल से भगतसिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राजभवन में हैं. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की सेवा की तुलना में BJP की सेवा ही अधिक की है, लेकिन शुक्रवार को तो उन्होंने महाराष्ट्र के स्वाभिमान पर, अस्मिता पर प्रहार कर दिया.
राज्यपाल माफी मांगे या केंद्र उन्हें वापस बुलाए
सामना में आगे लिखा गया है कि राज्यपाल ने अब इस तरह से तारे तोड़े हैं कि ‘मुंबई और ठाणे से गुजराती व राजस्थानी लोग बाहर निकाल दिए जाएं तो तुम्हारे पास पैसा ही नहीं बचेगा. आप इस मुंबई को आर्थिक राजधानी कहते हैं लेकिन गुजराती और राजस्थानी लोग यहां नहीं रहेंगे तो मुंबई आर्थिक राजधानी कहला ही नहीं सकेगी.’ राज्यपाल के इस बयान पर महाराष्ट्र में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. लोगों के मन में संताप निर्माण हुआ है. राज्यपाल का यह बयान महाराष्ट्र का अपमान करनेवाला है और या तो राज्यपाल माफी मांगें अथवा केंद्र उन्हें वापस बुलाए, ऐसी मांग सभी राजनैतिक दलों ने की है, लेकिन इसमें भी अपवाद ही है.
आगे कहा गया कि राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र के अपमान किए जाने से संबंधित बयान पर पानी फेरने के लिए महाराष्ट्र में इस तरह की कार्रवाई शुरू की गई तो लोगों के मन का आक्रोश शांत नहीं होगा. संजय राऊत ने शनिवार को राज्यपाल के बयान की तीखे शब्दों में खबर ली थी और रविवार को सुबह उनके घर ‘ईडी’ का दस्ता पहुंच गया. क्या है, लोग समझ गए. भाजपा हर काम पैसा, संपत्ति, व्यापार में ही तौलती है इसलिए खून-पसीना, आंसुओं का उनके लिए मोल नहीं है.
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