Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों के आयोग्यता वाले मामले को लेकर गुरुवार (23 नवंबर) को लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई जारी रही. विधान भवन में सुबह 11 बजे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सुनवाई की शुरुआत की. बीते बुधवार की तरह ही गुरुवार के दिन भी शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक और मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से कई सारे सवाल पूछे, जिसका सुनील प्रभु ने उत्तर दिया. ज्यादातर समय इनके बीच जिरह में ही निकल गया. इस दौरान उद्धव ठाकरे वकील देवदत्त कामत भी मौजूद रहे.
6 घंटे तक क्रॉस एक्जामिनेशन हुआ
एकनाथ शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक और मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से विटनेस बॉक्स में तीसरे दिन भी करीब 6 घंटे तक क्रॉस एग्जामिनेशन किया. साथ ही व्हिप जारी करने को लेकर और 19-20 जून के दिन तत्कालीन विधान मंडल के नेता को पद से हटाने को लेकर मीटिंग बुलाई जाने और उससे प्रस्ताव पास किए जाने को लेकर सवाल किया गया.
उद्धव ठाकरे गुट के विधायक और मुख्य सचेतक से महेश जेठमलानी द्वारा पूछे गए सवाल
- 20 जून को MLC चुनाव के लिए कितने शिवसेना विधायकों ने मतदान किया?
- व्हिप कब तैयार किया गया?
- क्या सुप्रीम कोर्ट और विधानसभा अध्यक्ष के सामने आपने जो दस्तावेज पेश किए उन दस्तावेजों को वेरीफाइड करवाया गया था?
- आपने जो अयोग्यता याचिका दायर की है क्या ये उन दस्तावेजों की मूल प्रति है?
- क्या आपने इस कॉपी को सुप्रीम कोर्ट और यहां विधानसभा अध्यक्ष के सामने सत्यापित नहीं किया है?
- व्हिप पर जो तारीख लिखी हुई है वो किसने लिखा?
- ओरिजनल कॉपी देखने के बाद जो डेट ओरिजनल पर दिखाई दे रहा है वो जेरॉक्स कॉपी पर क्यों नही दिखाई दे रहा है?
- 19 और 20 जून के मीटिंग के लिए प्रस्ताव किसने तैयार किया था?
- मीटिंग में प्रस्ताव किसने पेश किया था?
- 21 जून 2022 के दिन सभी विधायक विशेष तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई विधायकों को एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए भेजा था. बीच में मध्यस्थता करने के लिए भेजा था तो फिर ये कैसे संभव है कि दोपहर 12 से शाम 4.30 बजे के बीच सीएम एकनाथ शिंदे को उनके पोस्ट से हटाने के प्रस्ताव पर कोई हस्ताक्षर कर सकता है?
शिंदे गुट के विधायक ने क्या कहा?
सुनवाई खत्म होने के बाद एकनाथ शिंदे गुट के विधायक संजय सिरसाट ने कहा कि सुनवाई के तीसरे दिन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. पहला व्हिप जारी किए जाने को लेकर और दूसरा 19-20 जून 2022 के दिन विधान मंडल के नेता को लेकर मीटिंग बुलाना और प्रस्ताव पास किए जाने को लेकर सुनील प्रभु से सवाल किया गया. वो सवालों का सही ढंग से जवाब नही दे पा रहे थे.
मीटिंग के संदर्भ में सुनील प्रभु ने विधानसभा अध्यक्ष को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उनका कहना है कि 19 और 20 जून 2022 को जो मीटिंग बुलाई गई, प्रस्ताव पास किया गया उसमे मंत्री दादा भुसे, मंत्री उदय सामंत और संजय राठोड़ के हस्ताक्षर थे, लेकिन वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में सुनील प्रभु ने ये कहा है कि मीटिंग में दादा भुसे और संजय राठौड़ मौजूद नहीं थे.
सुनील प्रभु दो अलग-अलग बात कर रहे हैं. व्हिप जारी किए जाने को लेकर सुनील प्रभु का ये कहना था कि कई विधायकों को व्हाट्सएप के जरिए व्हिप भेजा गया. अगर व्हाट्सएप के जरिए भी व्हिप भेजा गया होता तो तो हमें मैसेज मिला रहता और उसे पर रिसीव और ब्लू टिक दिखाई देता, लेकिन हमें व्हीप मिला ही नहीं हम शुरुआत से यही बात कहते आ रहे हैं.
28 नवंबर से 3 दिसंबर तक होगी लगातार सुनवाई
शिवसेना विधायकों के अयोग्यता वाले मामले को लेकर 22 नवंबर से 24 नवंबर और तीन दिनों के अवकाश के बाद 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अयोग्यता मामले की सुनवाई 31 दिसंबर तक पूरी करनी है.
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