Bal Thackeray Vs Eknath Shinde: महाराष्ट्र में हुई दशहरा रैली (Dussehra Rally) को अगर सियासी अखाड़ा भी कह दिया जाए तो कुछ गलत नहीं होगा. दशहरा जश्न के बीच यहां बीते दिन (5 अक्टूबर) को राजनीति भी अपने चरम पर थी. अखाड़े के एक तरफ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde). दोनों ने ही अपनी-अपनी रैलियों में एक-दूसरे के खिलाफ जमकर निशाना साधा.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दादर के शिवाजी पार्क और एकनाथ शिंदे गुट ने BKC मैदान में दशहरा रैली का आयोजन किया था. एक तरफ ठाकरे रैली में बीजेपी की खिंचाई करते हुए नजर आए, वहीं शिंदे भी उद्धव पर हमला बोलने से पीछे नहीं हटे. हालांकि, शिवसेना के दोनों गुटों की रैलियों में बालासाहेब ठाकरे को सम्मान देने के लिए मंच पर एक कुर्सी खाली रखी गई.
मुंबई की दो भव्य रैलियां शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत का दावा करने के लिए एक प्रतियोगिता में बदल गईं. दोनों ही रैलियों में दशहरा रैली की जगह शक्ति प्रदर्शन की झलक देखने को मिली. हजारों लोगों की भीड़ के बीच हो रही दो अलग-अलग जगहों पर इस रैली का रूप देखने लायक रहा.
रैली में ठाकरे बनाम शिंदे
शिवाजी पार्क में खचाखच भरे रैली स्थल पर ठाकरे ने शिंदे और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने शिंदे गुट को 'परजीवी' कहा, जो पेड़ों की शाखाओं पर उगते थे. उन्होंने कहा, 'शाखाएं गिर सकती हैं, लेकिन पेड़ जड़ों पर जीवित रहता है'. साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को पेड़ की जड़े बताते हुए कहा कि अगर कार्यकर्ताओं का समर्थन मिलता है तो वह फिर से शिवसेना को सीएम पद दिलाने में मदद करेंगे.
अपने 40 मिनट के लंबे भाषण में उद्धव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की हालिया यात्रा का हवाला देते हुए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन करने के लिए “हिंदुत्व को त्यागने” के भाजपा के आरोपों का विरोध किया. उन्होंने इस दौरान कई मुद्दे उठाते हुए बीजेपी पर हमला बोला.
पिता का नाम चुराने का आरोप
सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि वह शिवसेना प्रमुख बनने के लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा, "क्या आप इसके लायक हैं? क्या आपके पास अपने बारे में कोई विचार है? आप (बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए) दूसरों के पिता के नाम को चुराते हैं. अगर हिम्मत है तो अपने पिता के नाम का इस्तेमाल कर चुनाव का सामना करें."
दूसरी तरफ शिंदे ने अपने 90 मिनट के लंबे भाषण में उद्धव की ओर से की गई आलोचना का जवाब देना चुना. उन्होंने कहा, यहां आई भारी भीड़ ये दिखाने के लिए पर्याप्त है कि बालासाहेब ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी कौन हैं. ये आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है. शिवसेना उन शिवसैनिकों की है, जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है.
क्या BMC चुनाव के लिए तैयार हैं ठाकरे ?
आगामी मुंबई नगर निकाय चुनावों में भाजपा उद्धव सेना की मुख्य प्रतिद्वंद्वी होने जा रही है. दोनों दलों द्वारा प्रचारित हिंदुत्व के बीच अंतर करने की उनकी कोशिशों को एक स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि वह बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों में बीजेपी से आमना-सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
उद्धव ठाकरे दिवंगत बाल ठाकरे के पुत्र होने के चलते अपने गुट को असली 'शिवसेना' बता रहे हैं तो वहीं, एकनाथ शिंदे भी पीछे नहीं हट रहे हैं. उन्होंने पहले भी हिंदी लेखक हरिवंशराय बच्चन के एक उद्धरण के साथ एक ट्वीट शेयर किया था, जिसमें कहा गया है- 'मेरे बेटे, पुत्र होने के कारण मेरा उत्तराधिकारी नहीं होगा, जो मेरा उत्तराधिकारी होगा वह मेरा पुत्र होगा'.
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