(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Politics: ठाणे और नवी मुबई पर शिंदे ने किया कब्जा, क्या शिवसेना बचा पाएगी बीएमसी ?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सीएम की कुर्सी से हाथ धोने के बाद से ही शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को झटके पर झटके लग रहे हैं. बीएमसी (BMC) के भी उनके हाथ से जाने के आसार नजर आ रहे हैं.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के बात से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. ठाणे (Thane),नवी मुंबई (Navi Mumbai) महानगरपालिका के बाद अब कल्याण डोंबिवली महापालिका (Kalyan‑Dombivli Municipal Corporation) के कई पार्षदों ने सीएम एकनाथ शिंदे को समर्थन दिया है. शिवसेना की महाराष्ट्र के चार महानगर पालिका पर सत्ता है. लेकिन शिंदे को लगातार शिवसेना के भीतर मिल रहे समर्थन से उद्धव ठाकरे के हाथ- पांव फूलने लगे हैं.
शिव सेना खिसक रही उद्धव के हाथ से
शिवसेना अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथ से शिवसेना फिलहाल खिसकती दिख रही है. ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) जहां पर लंबे समय से शिवसेना सत्ता में रही है, वहां शिवसेना के 67 में से 66 पार्षदों ने सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को अपना समर्थन देकर उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया है. अब केवल ठाणे से सांसद राजन विचारे की पत्नी नंदिनी विचारे ही ठाकरे कैंप में बची है.
केवल ठाणे ही नहीं नवी मुंबई महानगरपालिका के 46 में से 32 शिवसेना के पार्षद भी एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल हो गए हैं. कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका जहां शिवसेना का भगवा झंडा लहराता है, वहां से उद्धव के लिए अच्छी खबर नही है. 65 में से 60 पार्षदों ने उद्धव ठाकरे को जय महाराष्ट्र कर दिया है. गौरतलब है कि BMC में शिवसेना का सबसे बड़ा चेहरा यशवंत जाधव की विधायक पत्नी यामिनी जाधव पहले ही एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दे चुकी है.
क्या है चुनौती
महाराष्ट्र में अपनी सत्ता गवा चुके उद्धव ठाकरे के लिए सबसे बड़ी चुनौती आने वाले दिनों में यही रहेगी कि जिन चार बड़ी महानगर पालिकाओं में फिलहाल शिवसेना का कब्जा है वहां की सत्ता को बचाए रखा जाए. क्योंकि आने वाले कुछ महीनों बाद BMC सहित राज्य की क़रीबन 11 महानगर पालिका के चुनाव होने है. ये चुनाव शिवसेना और उद्धव ठाकरे के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगे.
सभी की निगाहें मुंबई महानगरपालिका पर टिकी है. बीएमसी (BMC) पर पिछले 25 सालों से शिवसेना का कब्जा है, लेकिन अगले चुनाव ऐसी राजनीतिक परिस्थितियों में होने जा रहे हैं, जहां शिव सैनिकों का आत्मविश्वास टूटता दिखाई दे रहा है. इस दौर में एकनाथ शिंदे की बढ़ती ताकत के बीच उद्धव ठाकरे इन चुनौतियों के पहाड़ को कैसे पार कर पाते हैं यह देखना महत्वपूर्ण होगा.
शिवसेना की ताकत मुंबई समेत एमएमआर ( Mumbai Metropolitan Area- MMR) रीज़न और कोंकण इलाक़े में है. इन इलाक़े में विधान सभा की 75 सीट आती हैं. मुंबई की अगर बात करें तो मुंबई में आज सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी (BJP) है. यहां 36 में से बीजेपी के 16 विधायक है, जबकि शिवसेना के 14 विधायक है. एमएमआर रीजन में एकनाथ शिंदे की ताक़त है.
वही कोंकण में नारायण राणे (Narayan Rane) जैसे नेता जो बीजेपी के साथ है, वह शिवसेना को उनके इलाक़े में चुनौती देने को तैयार बैठे हैं. ऐसे में बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाकर उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना को उन्ही के ताकत वाले इलाक़े में चुनौती पेश कर दी है .
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