Liquor Sell in Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने सुपर मार्केट (Super Market) और ग्रॉसरी स्टोर (Grocery Store) में शराब की बिक्री की अनुमति देने का फैसला गुरुवार को किया था. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार के इस फैसले को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष उन पर निशाना साधा रहा है, तो दूसरी तरफ आम लोग भी इस फैसलेेे से नाखुश हैं. 'एबीपी न्यूज़' ने मुंबई के एक सुपर मार्केट में घरेलू सामान की खरीदारी करने आए कुछ ग्राहकों से बात की, तो उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला गलत है. अगर शराब पीने वाले भी उसी शॉप में शराब लेने आएंगे, जहां घरेलू सामान मिलता है, तो इससे माहौल बिगड़ेगा. 


इस मुद्दे पर जब ग्रॉसरी स्टोर चलाने वाले खेतसी शिवजी भानुशाली और रत्नेश दुबे से बात की, तो उनका कहना है कि अगर ग्रॉसरी शॉप में वाइन की बिक्री शुरू हुई, तो पारिवारिक लोगों और महिला ग्राहकों का आना बंद हो सकता और उन्हें घाटा होगा. जबकि फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वीरेन शाह का मानना है कि महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से मुंबई के व्यापारी संगठन खुश नजर आ रहे हैं. इससे उनका व्यापार बढ़ने की उम्मीद है. 


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राज्य के कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा कि किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने वाले फल आधारित शराब उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय किया गया. सरकार के एक बयान में कहा है कि सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में अलग स्टॉल आधारित व्यवस्था अपनाई जाएगी. जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक है और जो महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत पंजीकृत हैं. लेकिन पूजा स्थलों या शैक्षणिक संस्थानों के निकट सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. 


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दूसरी तरफ बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavi) ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने शराबबंदी वापस ले ली है. उन्होंने कहा, "हम महाराष्ट्र को ‘मद्य-राष्ट्र’ नहीं बनने देंगे." पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार ने महामारी के दो साल के दौरान लोगों की मदद नहीं की, लेकिन इसकी प्राथमिकता शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है.