Maharashtra: महाराष्ट्र में एक बार अलग-अलग जिलों में अंधविश्वास बढ़ता ही जा रहा है. अलग-अलग जिलों में बाबा लोग अलग-अलग तरीकों से जनता को गुमराह कर रहे हैं जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हाल ही में अमरावती के संत गुरुदास महाराज की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
महाराष्ट्र में एक बार अलग-अलग जिलों में अंधविश्वास बढ़ता ही जा रहा है. अलग-अलग जिलों में बाबा लोग अलग-अलग तरीकों से जनता को गुमराह कर रहे हैं जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हाल ही में अमरावती के संत गुरुदास महाराज की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो में एक व्यक्ति गर्म तवे पर बैठे हुए नजर आ रहे हैंऔर तवे पर बैठे-बैठे ही वह अपने भक्तों को आशीर्वाद देते नजर आ रहे हैं. एबीपी न्यूज के रिपोर्टर से बातचीत में उस संत ने बताया कि उसका जो वीडियो वायरल हो रहा है वह एक महीने पहले का है, जब शिवरात्रि का त्योहार चल रहा था. बाबा ने कहा, उस दौरान वह भगवान की सिद्धि में थे और इसी वजह से वह गर्म तवे पर बैठ सके थे और वह अपने काम से अंधश्रद्धा को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं.
'पुलिस को बाबा की तलाश'
इस वीडियो के वायरल होने के बाद अंधविश्वास उन्मूलन समिति ने बाबा को चुनौती दी. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के हरीश केदार ने कहा, अगर बाबा का चमत्कार वास्तविक है तो उनको यह चमत्कार हमारे सामने साबित करना होगा, अगर वह इसको साबित कर देंगे तो हम उनको 30 लाख रुपये का इनाम देंगे लेकिन अगर वह गलत हुए तो उनके खिलाफ अंधविश्वास निर्मूलन अधिनियम के तहत मामला दर्ज करेंगे.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद से बाबा फरार है. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक तथाकथित बाबा पहले दिहाड़ी मजदूर था. हालांकि पुलिस अभी बाबा की तलाश कर रही है.
ये बाबा पानी में तैरकर दे रहा है आशीर्वाद
महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में बाबा हरिभाऊ वायरल हो रहे हैं, जो दावा करते हैं कि पिता से सीखी हुई विद्या के कारण वह पानी में बिना हाथ पैर हिलाए तैर सकते हैं. अब कई लोग इसे चमत्कार का नाम दे रहे हैं तो वहीं कई लोग इसे अंधविश्वास मान रहे हैं. बाबा कुएं के पानी पर पीठ के बल तैरकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. बाबा इस कला को राजविद्या करार दे रहे हैं.
बाबा का दावा है, यह विद्या भगवान का जाप और ज्ञानेश्वरी परायण के पठन से ही प्राप्त होती है. बाबा कहते हैं कि उन्होंने यह विद्या पिता परशुराम से सीखी. बाबा का दावा है कि यदि कोई 14 महीनों तक उपवास करता है, ब्रम्हचारी बना रहता है, भगवान का जाप और ज्ञानेश्वरी का पाठ सच्ची आस्था से करता है तो वह भी पानी पर बिना हाथ पर हिलाए तैर सकता है. बता दें कि बाबा गांव-गांव जाकर भागवत गीता पाठ और कीर्तन करते हैं.
बाबा के इस दावे के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने चुनौती दी. उन्होंने भी बाबा की तरह ही पीठ के बल कुएं के तैरकर भी दिखाया. निर्मूलन समिति का कहना है कि यह केवल एक अभ्यास कला है. लोग इसे चमत्कार समझ रहे है. मगर, ऐसा कुछ भा नहीं हैं.