मानहानि केस: जावेद अख्तर को कोर्ट ने भेजा कारण बताओ नोटिस, तालिबान से की थी RSS की तुलना
महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने जावेद अख्तर को नोटिस जारी करने का आदेश दिया जिसका 12 नवंबर तक जवाब मांगा गया है.
ठाणे: बॉलीवुड के जाने माने गीतकार जावेद अख्तर ने एक हाल ही में तालिबान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को कथित तौर पर एक समान होने का दावा किया था. जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था. अब महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने जावेद अख्तर को उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर कारण बताओ नोटिस जारी करने का सोमवार को आदेश दिया है.
12 नवंबर तक जवाब मांगा
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और संयुक्त दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने मुकदमा दायर कर अख्तर से मुआवजे के रूप में एक रुपये की मांग की है. अदालत ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया जिसका 12 नवंबर तक जवाब मांगा गया है. 76 साल के कवि, गीतकार, पटकथा लेखक ने एक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए आरएसएस का नाम लिए बिना कहा था, 'तालिबान एक इस्लामी देश चाहता है. ये लोग हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं.'
वकील ने जावेद अख्तर को भेजा था कानूनी नोटिस
आरएसएस के खिलाफ कथित 'झूठी और अपमानजनक' टिप्पणी को लेकर शहर के एक वकील ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था और इसे लेकर उन्हें माफी मांगने को कहा है. वकील, संतोष दुबे ने यह भी कहा कि यदि गीतकार 'बेशर्त लिखित माफी' नहीं मांगते हैं और नोटिस प्राप्त करने के सात दिनों के अंदर अपने सभी बयानों को वापस नहीं लेते हैं, तो वह अखतर से 100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए एक आपराधिक मामला भी दायर करेंगे.
वकील ने नोटिस में दावा किया था कि इस तरह के बयान देकर जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत एक अपराध किया है.
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