किसी जिंदा शख्स को किसी नगर निगम के अधिकारी का फोन आए और उससे ये कहा जाए कि डेथ सार्टिफिकेट ले जाएं तो उस पर क्या बीतेगा इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं. कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के ठाणे नगर निगम में हुआ है. यहां पर चंद्रशेखर नाम के एक शख्स को ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की तरफ से डेथ सार्टिफिकेट ले जाने के लिए फोन किया गया.


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चंद्रशेखर ने बताया- मेरे पास ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की तरफ से डेथ सार्टिफिकेट ले जाने के लिए फोन आया था.  


हालांकि इसे बारे में ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने तकनीकी गड़बड़ी करार दिया. ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के उपायुक्त ने कहा- इस सूची को हमने तैयार नहीं की और यह पुणे ऑफिस से मिली थी. यह तकनीकी गड़बड़ी थी जिसकी वजह से उसका नाम डेथ की लिस्ट में आ गया था. हमने टीम को निर्देश दिया है कि वे पहले लिस्ट को वैरिफाई करें और उसके बाद ही लोगों को इस बारे में फोन करें.






महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कम से कम 959 बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने माता पिता में से किसी एक को खोया है. जिलाधिकारी राजेश नरवेकर ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 29 बच्चों ने अपने माता पिता दोनों को खो दिया है.  उन्होंने कहा कि ये बच्चे 21 साल की आयु पूरी कर लेने पर ब्याज सहित पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त करने के पात्र होंगे.


नरवेकर ने कहा कि ये 959 बच्चे जिनके माता-पिता की मौत कोविड-19 के कारण हुई है योजना के तहत 1,125 रुपये की सहायता राशि पाएंगे. जिले के अधिकारियों के अनुसार, कुल 669 महिलाओं ने महामारी में अपने पतियों को खोया है और वे संजय गांधी निराधार योजना का लाभ लेने की पात्रता हैं.


महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 534 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद महामारी के मामलों की संख्या बढ़कर 5,32,533 हो गयी. एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को सामने आए इन नए मामलों के अलावा 20 लोगों ने इस संक्रमण से जान गंवा दी. इसी के साथ जिले में मृतकों की संख्या 10,699 पर पहुंच गयी है.


ठाणे में कोविड-19 से मृत्यु दर दो प्रतिशत है. जिला प्रशासन ने स्वस्थ हो चुके और उपचाराधीन मरीजों की जानकारी मुहैया नहीं करायी है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी पालघर जिले में कोविड-19 के मामले बढ़कर 1,16,706 पर पहुंच गए जबकि मृतकों की संख्या 2,575 है.


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