मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस के चलते राज्य में लागू पाबंदियों में ढील देने के मामले में सोच समझकर कदम उठा रही है. उन्होंने अग्रणी उद्योपतियों के साथ हुई डिजिटल बैठक के दौरान यह बात कही. राज्य सरकार ने सोमवार से प्रदेश में पाबंदियों में ढील देने के लिए पांच स्तरीय योजना की घोषणा की थी.


इसमें साप्ताहिक संक्रमण दर और ऑक्सीजन बिस्तरों पर मरीजों की संख्या के आधार पर ढील देने की बात कही गई है. इस संबंध में शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य सरकार सोच-समझकर कदम उठा रही है. लोगों को अपना ध्यान रखना चाहिए. तत्काल किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी. कुछ मानदंड और स्तर तय किए गए हैं. स्थानीय प्रशान पाबंदियों में ढील देने या उन्हें और कड़ा बनाने के बारे में फैसला लेगा.'


इसके साथ ही मुंबई में आम जनता के लिए बस सेवा कल से फिर से शुरू हो जाएगी. बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) ने कहा कि यात्रियों की संख्या किसी भी बस में सीटों की संख्या से अधिक नहीं होगी. फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा.






ऐसे इलाकों में सब कुछ खुलेगा


अनलॉक अधिसूचना के अनुसार जिन इलाकों में संक्रमण की दर पांच प्रतिशत या उससे कम और ऑक्सीजन बिस्तरों पर मरीजों की संख्या 25 प्रतिशत से कम होगी, उन्हें पहली श्रेणी में रखा जाएगा और वहां सब कुछ खोल दिया जाएगा. वहीं, 20 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर वाले क्षेत्रों को पांचवी श्रेणी में रखा जाएगा, जिनमें आवश्यक दुकानें खुलेंगी और कार्यालयों में 15 प्रतिशत से अधिक कर्मियों के आने पर पाबंदी रहेगी.


इस बैठक में हिस्सा लेने वाले प्रमुख उद्योगपतियों में उदय कोटक, संजीव बजाज, बी त्यागराजन, नौशाद फोर्ब्स, अमित कल्याण, अशोक हिंदुजा, ए एन सुब्रमण्यम, अजय पिरामल, हर्ष गोयनका, निरंजन हीरानंदानी शामिल थे. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बैठक में मौजूद उद्योगपतियों ने पाबंदियों में ढील देने के मानदंडों का स्वागत किया है.


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