महाराष्ट्र में मस्जिदों के लाउडस्पीकर को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है. एमएनएस चीफ राज ठाकरे लगातार इसके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और अल्टीमेटम भी दे चुके हैं. जिसके बाद सूत्रों ने बताया है कि मुंबई पुलिस ने इसे लेकर काम करना भी शुरू कर दिया है. बताया गया है कि मुंबई में कई मस्जिदों के लाउडस्पीकरों की आवाज को कम कर दिया गया है, वहीं कुछ जगह इसे बंद भी किया गया है.
कई मस्जिदों के स्पीकरों की आवाज कम
मुंबई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर एक सर्वे किया है. जिसमें मुंबई में करीब 72% मस्जिदों ने सुबह की अज़ान के लिए लाउडस्पीकर्स की आवाज को बहुत कम कर दिया है और कई ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को बंद कर दिया है. हालांकि इसमें से कुछ सर्वे राज ठाकरे के भाषण के पहले हुए थे तो कुछ सर्वे भाषण के बाद पूरे हुए.
इस मामले को लेकर मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारी ने बताया कि लाउडस्पीकर्स को हटाने का काम मुंबई पुलिस का नहीं है. लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और नॉइस पॉल्यूशन एक्ट का उल्लंघन होता है, तो हम तुरन्त कारवाई करेंगे. रेजिडेंशियल इलाके में 55 डेसिबल साउंड रहना चाहिए. जबकि कमर्शियल इलाके में 60-65 डेसिबल साउंड रहना चाहिए, वहीं इंडस्ट्रियल इलाके में 75 डेसीबल साउंड से ज्यादा नही होना चाहिए.
अवैध धार्मिक लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई नहीं
आपको बता दें की महाराष्ट्र में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के कई साल के बाद भी अब तक महाराष्ट्र प्रशासन ने अवैध लाउडस्पीकर्स के खिलाफ़ पूरी कारवाई नहीं की गयी है. एडवोकेट दिनदयाल घनुरे ने ABP न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि, RTI के मुताबिक पूरे महाराष्ट्र में 2940 अवैध धार्मिक लाउडस्पीकर्स लगे हुए हैं, जिनमें से 1766 लाउडस्पीकर मस्जिदों पर लगे हुए हैं. राज्य सरकार ने 4 बार कोर्ट में एफिडेविट देकर इन पर कारवाई करने की बात तो कही है, लेकिन आजतक ये कारवाई पूरी नहीं हुई यानी अब भी कई धार्मिक स्थलों पर अवैध लाउडस्पीकर लगे हुए हैं.
घनुरे ने बताया कि साल 2014 संतोष पाचलग नाम याचिकाकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी कि नवी मुंबई में 49 मस्जिदों में से 45 मस्जिदों पर अवैध तरीके से लाउड स्पीकर लगाया गया है, जिसे प्रशासन नहीं हटा रहा है. ये मामला 2016 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में चला, जिसके बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और ऐसे तमाम धार्मिक स्थलों पर लगे अवैध लाउड स्पीकर को हटाने का आदेश दिया था. इसके बाद संतोष पाचलग ने साल 2018 में RTI के ज़रिए जानकारी ली, जिसमें उन्होंने सवाल पूछा कि सरकार ने अब तक कितने ऐसे अवैध लाउड स्पीकर्स पर कारवाई की है. साथ ही अवैध लाउडस्पीकरों की जानकारी भी मांगी गई.
करीब 3 हजार लाउडस्पीकर अवैध
आरटीआई के जवाब में प्रशासन ने उन्हें जानकारी दी कि पूरे महाराष्ट्र राज्य में 2940 लाउडस्पीकर्स ऐसे हैं जिन्हें अवैध तरीके से धार्मिक स्थलों पर लगाया गया है. इनमें से 1766 लाउड स्पीकर्स सिर्फ मस्जिदों, दरगाह और मदरसों पर लगाये गये हैं. इसके अलावा 1029 लाउडस्पीकर्स मंदिरों पर, 84 लाउडस्पीकर्स चर्चो पर, 22 लाउडस्पीकर्स गुरुद्वारे पर और बुद्ध विहार पर 39 लाउडस्पीकर्स अवैध तरीके से लगाये गए हैं. RTI के मुताबिक अकेले मुंबई में अभी भी 900 लाउडस्पीकर्स अवैध तरीके से लगे हुए हैं, जबकि नवी मुंबई में इनकी संख्या 130 है.
याचिकाकर्ता संतोष पाचलग के वकील घनुरे ने बताया कि उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक कंटेम्प्ट पेटिशन दायर की है, जिसकी एक सुनवाई 2018 में हुई थी, अब 2 हफ़्ते के बाद इस मामले में दोबारा सुनवाई होनी है. बता दें कि इस मामले में राज्य सरकार ने 4 बार एफिडेविट देकर अपना जवाब दिया है और हर बार यही बात कही कि वो जल्दी से इन अवैध लाउडस्पीकर्स के खिलाफ़ कार्रवाई करने वाली है.
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