नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी के फैसले के बाद अब महाराष्ट्र सरकार पर इसके लिए दवाब बढ़ गया है. इस महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज विधानसभा में अहम बयान दिया.


फडणवीस ने कहा, ''वित्त सचिव यूपी पैकेज का अध्ययन करेंगे और बतायेंगे कि यहां संभव है या नहीं. इसके बाद कोई निर्णय लिया जायेगा.'' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जब से हमारी सरकार बनी है हम किसानों के लिए काम कर रहे हैं.


 


महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को विपक्षी एनसीपी और कांग्रेस के अलावा सरकार में सहयोगी शिवसेना के दवाब का भी सामना करना पड़ रहा है. योगी कैबिनेट के कर्जमाफी के फैसले का शिवसेना ने जमकर स्वागत किया था.


शिवसेना की ओर से कहा गया कि यूपी के मुख्यमंत्री ने दिखाया कि कर्ज माफ़ करना महज चुनावी जुमला नहीं है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी कर्ज माफी का ऐलान करें.


अब देखना होगा कि क्या उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार भी किसान कर्ज माफी पर कोई फैसला लेगी. महाराष्ट्र में हर साल कई किसान कर्ज के बोझ के चलते खुदकुशी करने को मजबूर होते हैं.


क्या है यूपी सरकार का फैसला?

किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ हो गया है, भले ही कर्ज ली गई रकम ज्यादा हो. इस योजना के दायरे में प्रदेश के 2 करोड़ 15 लाख लघु और सीमांत किसान हैं. फिलहाल 31 मार्च 2016 तक फसली कर्ज लेने वाले 86 लाख किसानों को फायदा होगा.

इसके साथ ही 7 लाख किसानों के 5630 करोड़ रुपये के NPA को भी माफ कर दिया गया है. यानी ऐसे कर्ज जो चुकाए ना जाने की वजह से नॉन परफॉर्मिंग एसेट बन जाते हैं और कर्ज मिलना बंद हो जाता है. दोनों फैसलों के लिए योगी सरकार को कुल 36 हजार 359 करोड़ का इंतजाम करना होगा.