Tomato Price: टमाटर ने कई किसानों को बनाया करोड़पति तो कईयों को हुआ भारी नुकसान, जानिए उनकी कहानी
Maharashtra Tomato Price: देश में टमाटर के दामों ने आम जनता को काफी परेशान किया. कई जगहों पर अभी भी टमाटर के दाम ज्यादा कम नहीं हुए हैं. इन सबके बीच एबीपी न्यूज़ ने महाराष्ट्र के किसानों से बात की.
Tomato Price: देश भर में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं. इससे महाराष्ट्र के टमाटर उत्पादक किसानों को फायदा हो रहा है. केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नाफेड के जरिए टमाटर की खरीद के आदेश जारी किए हैं. असमय बारिश के कारण गर्मी में टमाटर उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
पुणे जिले के जुन्नर तालुका में टमाटर ने एक किसान की किस्मत बदल दी. टमाटर के दाम बढ़ने से उसकी लॉटरी लग गई. यहां एक किसान दंपत्ति टमाटर से करोड़पति बन गए हैं. इस किसान दंपत्ति का नाम ईश्वर गायकर और सोनाली गायकर है.
12 एकड़ जमीन पर लगाए थे टमाटर
पुणे के जुन्नर तालुका के पचघर गांव के इस गायकर दंपत्ति ने 12 एकड़ में टमाटर की फसल के दम पर दो करोड़ रुपये कमाए हैं. गायकर पिछले सात सालों से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस समय उनके साथ अन्य किसान भी लखपति बन गए हैं.
क्या बोले किसान ईश्वर गायकर?
किसान ईश्वर गायकर ने कहा, "बदलते मौसम का चक्र ध्यान में रखते हुए फसल लगाना जरूरी है. इसके लिए किसानों को अभ्यास करने की जरूरत है, जिस फसल के दाम मिल रहे हैं, उसी की फसल सभी किसानों को करनी चाहिए. तभी किसानों का नुकसान टल सकता है."
बता दें कि, टमाटर की कीमत 120- 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. किसानों को 70 से 100 रुपये प्रति किलो का दाम मिल रहा है. इन टमाटरों की बढ़ी कीमतों ने किसानों को लखपति तो कुछ को करोड़पति बना दिया. हालांकि कई किसानों को इससे कोई खास फायदा नहीं हुआ है.
कई किसानों को नुकसान
हालांकि, एबीपी न्यूज़ ने कई और किसानों से भी बातचीत की. मुलशी तालुका के कसारसाई गांव के किसानों ने बताया कि यही टमाटर डेढ़ महीने पहले कीचड़ में पड़ा था. राज्य में 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती की जाती है. खरीफ सीजन के दौरान 42 हजार हेक्टेयर और रबी और ग्रीष्म सीजन के दौरान 15 हजार हेक्टेयर में टमाटर का उत्पादन किया गया.
खरीफ टमाटर 6 से 9 रुपये प्रति किलो और रबी टमाटर 10 से 11 रुपये प्रति किलो मिला. गर्मी के मौसम के टमाटरों की कीमतों में भारी गिरावट आई, इसलिए किसानों ने टमाटर फेंक दिए. नतीजा यह हुआ कि जून-जुलाई में टमाटर की अचानक से कमी हो गई और इसके दाम 70 से 100 रुपये प्रति किलो और उससे भी ज्यादा हो गए.
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