मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की निर्मम हत्या के मामले से राज्य उबरा भी नही था कि बीती रात नांदेड़ में एक साधु के अलावा, गांव के ही एक और शख्स की गला रेतकर हत्या हो गई है. मामला नादेंड़ के उमरी तालुका के नागठाना इलाके का है जहां बीती रात साधु की हत्या की वारदात हुई. साधु बालब्रह्मचारी शिवाचार्य की हत्या की गई और शिवाचार्य के अलावा गांव के ही भगवान शिंदे नाम के शख्स की भी लाश मिली है. नांदेड़ पुलिस के मुताबिक, रात 12 से साढ़े 12 बजे के बीच इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया. प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि आश्रम का दरवाजा अंदर से खोला गया है. दरवाजा तोड़कर आरोपी नहीं घुसा था. हत्या का शक गांव के ही एक साईनाथ नाम के शख्स पर लगा है.


बीजेपी नेता राम कदम ने साधु की हत्या पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है. नांदेड़ में साधु की हत्या से संत समाज आहत है. आदियोगी गौतम स्वामी ने महाराष्ट्र सरकार से हत्यारे को जल्द पकड़वाने की मांग की है.


स्थानीय पुलिस के मुताबिक, साधु शिवाचार्य की हत्या के बाद आरोपी साईनाथ ने मठ के साधु की डेड बॉडी उनकी कार में रखी और उसे ठिकाने लगाने के लिए ले जाना चाहता था. लेकिन कार गेट में फस गई, जिससे मठ के छत पर मौजूद आश्रम के दो सेवादर जाग गए. उन्होंने चिल्लाकर आवाज़ दी और आरोपी को पकड़ने की कोशिश की लेकिन आरोपी भाग गया.


इसी बीच आज सुबह जिला परिषद स्कूल के पास एक और डेड बॉडी मिली जिस का नाम भगवान शिंदे है. पुलिस के मुताबिक मृतक भगवान शिंदे, आरोपी साईनाथ का साथी है. स्कूल के पास पाया गया मृतक शख्स और आरोपी भी लिंगायत समाज का ही है. आरोपी ने साधु की हत्या क्यों की और उसके बाद अपने साथी की हत्या क्यों की? पुलिस इस थ्योरी पर काम करते हुए इसकी जांच कर रही है. आरोप यह भी है कि हत्या के बाद आरोपी दान पेटी लेकर भागने की कोशिश कर रहा था. लेकिन सेवादारों के चिल्लाने के बाद में दानपेटी छोड़कर भाग गया. हत्या का कारण लूटपाट हो सकता है.


बालब्रह्मचारी शिवाचार्य नांदेड़ में लिंगायत समाज के साधु थे. साधु शिवाचार्य महाराज साल 2008 से मठ में आए थे, जिसे निर्वाणी मठ संस्थान कहते हैं जो 100 साल पुराना मठ है. मृतक साधु का नाम रुद्र पशुपति शिवचारी महाराज है.


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