संजय राउत के शिंदे की सरकार गिरने वाले दावे के बाद खुशी से फूले उद्धव ठाकरे! कहा- कभी भी हो सकता है चुनाव, गद्दारों की...
Maharashtra Politics: संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया था कि शिंदे की सरकार कभी भी गिर सकती है. इसके बाद से ही एक बार महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है.
Uddhav Thackeray On Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में एक बार फिर से सियासी माहौल तेज हो गया है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार गिरने के दावे के बाद से उद्धव ठाकरे काफी खुश नजर आ रहे हैं. उन्होंने जलगांव जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में चुनाव 'कभी भी' हो सकते हैं और उनकी पार्टी इसके लिए तैयार है.
दरअसल, संजय राउत ने दावा किया था कि एकनाथ शिंदे की सरकार का 'डेथ वारंट' जारी हो गया है. यह सरकार अगले पंद्रह-बीस दिन में गिर जाएगी. इस बयान के बाद ही ठाकरे का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. उसके बाद, कभी भी कुछ भी हो सकता है. उन्होंने बीजेपी से सवाल किया कि क्या अगले साल भी सीएम शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा.
'महाराष्ट्र नहीं है गद्दारों की भूमि'
ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि शिंदे की पार्टी को कुल 288 में से केवल 48 सीटें आवंटित की जाएंगी. उन्होंने पूछा क्या बीजेपी केवल 48 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी? सीएम शिंदे और अन्य बागी नेताओं का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी और समर्थक यह सुनिश्चित करेंगे कि 'देशद्रोही' राजनीतिक रूप से खत्म हो जाएं. उन्होंने कहा सब देखेंगे कि आप खत्म हो गए हैं. हमने विश्वासघात के कारण बने राज्य पर लगे कलंक को साफ कर दिया है. महाराष्ट्र बहादुर लोगों की भूमि है, गद्दारों की नहीं.
सुप्रीम कोेर्ट से फैसला आना बाकी
दरअसल, पिछले साल शिवसेना के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी नेताओं के एक धड़े के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने और राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के बाद पिछले साल ठाकरे को उनके मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद से शिवसेना के दोनों पक्षों के बीच दरार पड़ गई थी. इसी मामले को लेकर ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इस बीच, भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने शिंदे-गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और दोनों समूहों को नए नाम आवंटित किए.
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