मुंबईः महाराष्ट्र में एक गांव के लोगों ने अनोखा फैसला लिया है. ग्रामीणों ने आपसी समझदारी का परिचय देते हुए तय किया है कि धार्मिक आयोजनों में होने वाले खर्च को कम करके इस पैसे को बच्चों के पढ़ाई में लगाया जाएगा. ग्रामीणों ने योजना बनाई है कि पैसे को बचाकर स्कूल के लिए 2 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी. इस जमीन को स्कूल की जमीन के साथ जोड़ दिया जाएगा. गांव का नाम पोखारी है और यह औरंगाबाद जिले में आता है.


जिला परिषद सदस्य ने बताया, ''गांव वालों ने फैसला लिया है कि स्कूल को और आगे बढ़ाने के लिए मिलकर पैसा खर्च करेंगे. इस प्रयास के लिए जिला परिषद की ओर से भी योगदान दिया जाएगा.''


जिला परिषद सदस्य ने बताया, ''गांव वालों ने पहले ही आंगनवाड़ी केंद्र को अपग्रेड कर चुके हैं. स्कूल के कंप्यूटर लैब को भी अपग्रेड किया जा चुका है. अब स्कूल के कैंपस को बढ़ाने के लिए दो एकड़ जमीन खरीदेंगे.''


मौजूदा समय में स्कूल के पास कुल 0.45 एकड़ जमीन है. गांव के लोगों ने बताया कि तीन महीना पहले ग्रामीणों ने मिलकर यह तय किया था कि धार्मिक कार्यों में होने वाले खर्च को कम करके स्कूल में लगाया जाएगा.


बता दें कि गांव में हर साल एक धार्मिक आयोजन होता है. यह आयोजन एक हफ्ते तक चलता है. इस दौरान टेंट लगाकर लोगों के बीच मिठाईयां बांटी जाती है. इस आयोजन में काफी खर्च होता है.


ग्रामीणों ने तय किया है कि अब इस कार्यक्रम में मिठाई के बदले रोटी और दाल बांटी जाएगी. इस आयोजन के लिए एक ही जगह पर दाल और रोटी तैयार की जाएगी और लोगों के बीच बांटी जाएगी.


ग्रामीण ने बताया कि गांव वालों ने मिलकर आंगनवाड़ी और स्कूल के कंप्यूटर लैब को अपग्रेड करने के लिए करीब 10 लाख से भी ज्यादा रुपये खर्च कर चुके हैं. आंगनवाड़ी को डिजिटल बनाया गया है.


आंगनवाड़ी को डिजिटल करने के लिए पंचायत की ओर 50 हजार रुपये का दान मिला था. इसके अलावा सभी पैसे गांव वालों ने मिलकर खर्च किए थे. इस गांव में करीब 450 घर हैं. आंगनवाड़ी और कंप्यूटर लैब को अपग्रेड करने के लिए सभी घरों से कम से कम 5-5 हजार रुपये का दान मिला था.