औरंगाबाद: महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद में पानी के झगड़े को लेकर दो गुटों के बीच हुई हिंसा ने अब दंगा का रुप ले लिया है. इस तनातनी, मारपीट और झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40 लोग घायल हो गए हैं. घायल होने वालों में 10 से 15 पुलिसवाले भी हैं. राज्य के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने लोगों से शांति की अपील की है और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आग्रह किया है.
हिंसा के दौरान 30 से 40 दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया तो 40 से 50 गाड़ियां भी जलकर खाक हो गई हैं. शहर के तीन इलाकों शाहगंज, राजाबजार और गांधीनगर में हिंसा हुई है. पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हवाई फायरिंग में प्लासटिक की गोलियां बरसाईं.
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि दंगे में दो लोगों की मौत हो गई है. केसरकर का कहना है कि दंगे को कंट्रोल कर लिया गया था, लेकिन अफवाहों की वजह से हिंसा फैली. गृह राज्यमंत्री का कहना है कि एक शख्स की मौत सांप्रदायिक हिंसा से हुई जबकि एक शख्स की मौत प्लास्टिक बुलेट लगने से हुई.
इससे पहले दो गुटों के तनाव के दौरान पुलिस और हिंसा पर उतारू भीड़ के बीच झड़पें हुई. इस दौरान भीड़ की तरफ से जमकर पथराव किया गया. पुलिस की चार गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया.
फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं लेकिन शहर में तनाव है. पूरे शहर में धारा 144 लागू है और पुलिस लगातार शहर के अलग अलग इलाकों में मार्च कर रही है. एसआरपीएफ की दो टुकड़ी लगा गई हैं, पड़ोसे के जिले जालना और औरंगादाबाद ग्रामिण पुलिस को भी शहर में तैनात किया गया है.
क्या है औरंगाबाद में हिंसा की पूरी कहानी
तकरीबन शाम 6 बजे शाहगंज के एक फल की दुकान पर लेनदेन को लेकर दो लोगों में झगड़ा हुआ. ये झगड़ा बढ़ता गया और धीरे-धीरे दो गुटों के लोग आपस में भीड़ गए. फिर इस झगड़े की चपेट में तीन मोहल्ले आ गए. शाहगंज, राजा बाजार और गांधीनगर.
फिर ये झगड़ा दनों तरफ की पत्थरबाज़ी में बदल गया. इस दौरान थोड़ी देर के लिए मामला शांत होता नजर आया लेकिन अफवाह तेजी से फैली. 8 बजे रात के आसपास फिर से लोग जमा हुए और दुकानों को जलाना शुरू कर दिया. दो गुट फिर से भीड़ गए.
पुलिस ने हिंसा पर उतारू भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े. फिर भी मामला शांत होता नजर नहीं आया तो प्लास्टिक की गोलियां दागी गई.