मुंबई: महाराष्ट्र में सभी पार्टियों को अपने विधायकों के पाला बदलने का डर सता रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को जुहू इलाके के जे डब्ल्यू मैरियट होटल में रखा है, वहीं एनसीपी के विधायकों को पवई के द रेनेसां होटल में रखा गया है. शिवसेना के विधायकों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित द ललित होटल में ठहराया गया है. बीजेपी विधायकों की अभी बैठक चल रही है.


इस बीच आज शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एनसीपी के विधायकों से मिलने पवई के द रेनेसां होटल पहुंचे. उद्धव ने एनसीपी के विधायकों और नेताओं से बात की. उन्होंने एनसीपी विधायकों से कहा, ''आप चिंता नहीं करें, यह रिश्ता लंबा चलेगा, हमारा गठबंधन लंबा चलेगा.'' एनसीपी विधायकों के साथ बैठक के बाद उद्धव होटल ललित पहुंचे जहां उनके विधायक ठहरे हैं.





शरद पवार की पार्टी (एनसीपी) ने दावा किया है कि शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद ‘लापता’ हुए उसके पांच में से तीन विधायक से संपर्क किया गया है और वे पार्टी के साथ हैं. उन्होंने कहा कि करीब 50 विधायक हमारे संपर्क में हैं. विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने 54 सीटें जीती थी.



होटल में एनसीपी के विधायक

'54 में से 50 विधायकों के साथ होने का दावा'
पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक पांच विधायकों- दौलत दरोडा (शाहपुर), नितिन पवार (कलवन), नरहरी झिरवाल (डिंडोरी), बाबासाहेब पाटिल (अहमदपुर), अनिल पाटिल (अमलनेर) के लापता होने की सूचना है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने अनिल पाटिल, बाबासाहेब पाटिल और दरोडा से संपर्क किया है.


एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को अनिल पाटिल के ट्वीट को टैग करते हुये ट्वीट किया, जिसमें कहा गया कि वह (पाटिल) एनसीपी का हिस्सा बने रहेंगे और उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया. पाटिल ने ट्वीट में कहा कि वह राजभवन गए थे क्योंकि अजित पवार विधायक दल के नेता थे.


पाटिल ने ट्वीट में कहा, ‘‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि राजभवन में क्या होने वाला है. मैं शरद पवार के साथ हूं.’’ मलिक ने कहा कि यह पाटिल की पार्टी में वापसी का संकेत है. मलिक ने रविवार को कहा कि पार्टी ने दरोडा और बाबा साहेब पाटिल के दो अलग-अलग वीडियो जारी किए हैं, जिसमें उन्हें यह कहते हुए देखा गया है कि वे एनसीपी के साथ हैं.


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एनसीपी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘झिरवाल और नितिन पवार से संपर्क किये जाने का भी प्रयास चल रहा है. सभी आज शाम तक पार्टी के साथ वापस आ जाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार को भी पार्टी में लौट आने के लिए समझाने की कोशिश की जा रही हैं. मलिक ने कहा, ‘‘अगर वह अपनी गलती स्वीकार कर लेते हैं तो यह उनके लिए बेहतर होगा. हम उन्हें अकेले नहीं छोड़ना चाहते हैं.’’


इससे पहले शनिवार को, दौलत दरोडा के परिवार ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है. दरोडा शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचने के बाद से ही लापता हैं. एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटना में, बीजेपी सांसद संजय काकडे और एनसीपी नेता जयंत पाटिल, छगन भुजबल और बबन शिंदे ने सुबह शरद पवार से यहां उनके आवास पर मुलाकात की.


15 मिनट तक चली बैठक के बाद, काकडे ने कहा कि वह अपने ‘‘निजी काम’’ के लिए पवार से मिलने आये थे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने भी शरद पवार से मुलाकात की. बाद में, चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगी क्योंकि उनके पास ‘‘संख्या बल’’ है.


उन्होंने कहा, ‘‘एनसीपी के सभी गैरहाजिर विधायक जल्द ही पार्टी में लौट आएंगे. कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं.’’ एनसीपी नेता अजित पवार और पार्टी के कुछ विधायकों की मदद से महाराष्ट्र में शनिवार को बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद अनिल पाटिल और दौलत दरोडा सहित एनसीपी के कुछ विधायक ‘लापता’ हो गए थे.


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महाराष्ट्र में हुए आश्चर्यजनक उलटफेर में शनिवार को बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनने की घोषणा की थी.


बाद में शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई/फैसले’’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा आनन-फानन में राजभवन में शनिवार सुबह आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नाटकीय तरीके से फडणवीस और पवार को शपथ दिलाए जाने के बाद एनसीपी में दरार दिखाई देने लगी.


पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के कदम से दूरी बनाते हुए कहा कि फडणवीस का समर्थन करना उनका निजी फैसला है न कि पार्टी का. बाद में एनसीपी ने अजित पवार को पार्टी विधायल दल के नेता पद से हटाते हुए कहा कि उनका कदम पार्टी की नीतियों के अनुरूप नहीं है. महाराष्ट्र में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली है.