महाराष्ट्र: सरकार बनाने की जोड़-तोड़ के बीच बोले मल्लिकार्जुन खड़गे - कांग्रेस अकेले फैसला नहीं ले सकती
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि महाराष्ट्र में बीजेपी के बिना सरकार नहीं बन सकती है. वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस अकेले फैसला नहीं ले सकती है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पेंच अब भी फंसा हुआ है.कोई भी राजनीतिक दल अब तक पूर्ण बहूमत साबित नहीं कर पाई है. इधर शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशों में लगी हुई है. अब इसी बीच अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ा बयान दिया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कहा है कि कांग्रेस अकेले चीजों को डिसाइड नहीं कर सकती हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी 17 नवंबर को बैठक करेंगे.इस दौरान आगे की रणनीति तय होगी.वो निर्णय लेंगे की इस समस्या का समाधान कैसे किया जाएगा.इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इधर साथ में सरकार बनाने की कोशिश कर रही है तो वहीं बीजेपी ने कहा है कि उनके बिना राज्य में सरकार नहीं बन सकती है. बीजेपी प्रदेश चंद्रकांत पाटिल ने कहा है, ‘’बीजेपी को 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. हमारे पास कुल मिलाकर 119 विधायकों की संख्या है. इसी वजह से देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि हमारे बिना सरकार नहीं बन सकती.’’ उन्होंने कहा, '''बीजेपी सरकार बनाने का ही विश्वास जताया है. हमारी किसी के साथ चर्चा नहीं लेकिन हम ही स्थिर सरकार देंगे.’’
Mallikarjun Kharge: Congress alone can't decide things. NCP chief Sharad Pawar and AICC president Sonia Gandhi will sit together on 17 Nov & discuss the next course of action. They will decide how to solve this problem. After that only the other actions will follow. #Maharashtra pic.twitter.com/sJ5bPSL2Ns
— ANI (@ANI) November 15, 2019
बता दें कि राज्य में पिछले महीने 24 तारीख को जब नतीजे आए तो बीजेपी सबसे बड़ी राजनीतिक दल थी. उसकी सहयोगी शिवसेना दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक दल थी, लेकिन मुख्यमंत्पी पद को लेकर दोनों दलों में मनमुटाव हो गया. मनमुटाव होने के बाद गठबंधन सहयोगी अलग हो गए और शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड़ दिया. विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश करने से इनकार कर दिया. उसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना और उसके बाद एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया, लेकिन दोनों दल समर्थन पत्र पेश करने में नाकाम रहे. बाद में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
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