मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर बोले सीएम उद्धव- ‘बुलेट ट्रेन हमारा सपना नहीं, ये सफेद हाथी, इसको पालना जरूरी नहीं’
अब एक भी उद्योग बाहर नहीं जाएगा. हमारी सरकार रोजगार तैयार करेगी. केंद्र सरकार महाराष्ट्र की आर्थिक घेराबंदी कर रही है, हम इसका भी रास्ता निकालेंगे- सीएम ठाकरेकेंद्र की ओर से यदि सभी पैसे समय-समय पर मिलते गए तो मुझे किसानों को अधिक पैसे समय पर देने में मदद मिलेगी. आज भी महाराष्ट्र जैसा राज्य कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है- सीएम ठाकरे
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है. सीएम उद्वव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में कहा है कि बुलेट ट्रेन हमारा सपना नहीं है. हम जनता के बीच जाएंगे और फिर देखेंगे कि क्या करना है. जब उद्धव से पूछा गया कि ये पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है तो उन्होंने कहा कि जब नींद खुलती है तब वास्तविक स्थिति सामने आती है.
राज्य के विकास की प्राथमिकता तय की जानी चाहिए- ठाकरे
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘’सरकार का काम विकास करना है. हाल ही में मैंने नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण का उद्घाटन किया. कुछ परियोजनाओं को मैंने स्थगित भी किया है. आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के विकास की प्राथमिकता तय की जानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘’जरूरत न होने के बावजूद किसानों की जमीन को छीना जा रहा है. ये योजना सफेद हाथी है. इसे पालना बिल्कुल उचित नहीं है.’’
जनता के समक्ष जाएंगे फिर देखेंगे क्या करना है- ठाकरे
सीएम ठाकरे ने आगे कहा, ‘’बुलेट ट्रेन के बारे में सबको साथ में बैठकर विचार करना चाहिए. बुलेट ट्रेन का लाभ किसे होगा? इसके कारण यहां कितने उद्योग-धंधों को गति मिलेगी? ये हमें समझाएं. हम जनता के समक्ष जाएंगे फिर देखेंगे क्या करना है.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’राज्यों में गांव-देहात की सड़कें, जिलों की सड़कें अभी भी उबड़-खाबड़ गड्ढों से भरी पड़ी हैं.’’
रोजगार के मुद्दे पर सीएम उद्धव ने कहा, ‘’अब एक भी उद्योग बाहर नहीं जाएगा. हमारी सरकार रोजगार तैयार करेगी. केंद्र सरकार महाराष्ट्र की आर्थिक घेराबंदी कर रही है, हम इसका भी रास्ता निकालेंगे.’’
हमरी कोशिश, किसान अपने पैरों पर कैसे खड़े हों?- ठाकरे
किसानों के मुद्दे पर सीएम ठाकरे ने कहा, ‘’हमारा प्रयास इस तरफ होना चाहिए कि किसान अपने पैरों पर कैसे खड़े हों? उसकी खेती के लिए नया प्रयोग कैसे किया जा सकता है? कम जगह में ज्यादा फसल कैसे उगाई जा सकती है और फसल उगने के बाद उसे उचित दाम कैसे मिलेगा? फिर उसकी मार्केटिंग कैसे की जाएगी? ये पूरी चेन होनी चाहिए, उसकी रूपरेखा बनानी चाहिए.’’
ठाकरे ने कहा, ‘’केंद्र की ओर से यदि सभी पैसे समय-समय पर मिलते गए तो मुझे किसानों को अधिक पैसे समय पर देने में मदद मिलेगी. आज भी महाराष्ट्र जैसा राज्य कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. ये बड़ी चुनौती है, लेकिन इस चुनौती को अब स्वीकार किया है और पूरा करेंगे. कर्ज इतना है कि इसमें से रास्ता निकालना होगा.’’
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