मुंबई: महाराष्ट्र के सियासी घमासान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. मोहन भागवत ने बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी झगड़े को लेकर इशारों इशारों में कहा है कि आपस में लड़ने से दोनों को नुकसान होगा, लेकिन फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद पैदा हो गए हैं.


...फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते- मोहन भागवत


एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘’सब जानते हैं कि आपस में लड़ने से दोनों की हानि होगी, लेकिन फिर भी लड़ना नहीं छोड़ते. सब जानते है कि स्वार्थ से नुकसान होगा, लेकिन लोग स्वार्थ नहीं छोड़ते.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’यह तत्व सभी के साथ लागू होता है. देशों के साथ भी और व्यक्तियों के साथ भी.’’


हर वस्तु पर अपना स्वामित्व चाहता है मनुष्य- मोहन भागवत


मोहन भागवत ने कहा, ‘’हर आदमी अच्छा ही बनना चाहता है, लेकिन मनुष्य का अहंकार है, वो हर वस्तु पर अपना स्वामित्व चाहता है. वो किसी को भी कुछ नहीं देना चाहता. देता भी है तो कम से कम देता है. यह चातुर्य मनुष्य के पास ही है.’’ उन्होंने कहा, ‘’ मनुष्य भगवान भी बन सकता है या वो राक्षस भी बन सकता है.’’


145 के बहुमत के आंकड़े से दूर सभी पार्टियां


गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. वहीं राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.


सत्ता में साझेदारी को लेकर बीजेपी-शिवसेना में मनमुटाव होने के बाद गठबंधन सहयोगी अलग हो गए और शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया. इससे पहले बीजेपी के सरकार बनाने से इनकार करने के बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को दावा पेश करने का न्योता दिया था.


यह भी पढ़ें-


BJP नेताओं पर शिवसेना का हमला, कहा- ‘हमें NDA से निकालने वाले तुम कौन?, तुम्हारे विचारों की खुजली बाहर आई’


दिल्ली: गंदे पानी को लेकर राजनीति गर्म, उपभोक्ता मंत्री पासवान ने केजरीवाल को दिया दोबारा जांच का चैलेंज


JNU में फीस को लेकर जंग: प्रदर्शन में 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल, आंदोलन अभी भी जारी


गौतम गंभीर बोले- 2011 वर्ल्‍ड कप में धोनी की वजह से नहीं बना पाया शतक