मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की खींचतान के बीच शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा है कि कई ‘निवर्तमान’ मंत्रियों को अपनी सरकारी गाड़ी और बंगला जाने की चिंता है. शिवसेना ने कहा है कि राज्य की जनता एक सुर में मांग कर रही है कि कुछ भी हो महाराष्ट्र में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होना चाहिए। जिसके पास आंकड़ा होगा, वो सरकार भी बनाए और मुख्यमंत्री भी बनाए, ये हमारा भी मत है.


बीजेपी बगैर विधायकों का ‘महामंडल’- सामना


शिवसेना ने सामना में लिखा है, ‘’बीजेपी जिस ‘महायुति’ की बात कर रही है वो आकार में बड़ी हो फिर भी उसमें शामिल कई दलों के एक भी विधायक नहीं हैं. ये बगैर विधायकों का ‘महामंडल’ परसों राज्यपाल से मिला और सरकार गठन के बारे में चिंता व्यक्त की. ये चिंता राज्य की कम, अगली सरकार में अपनी स्थिति क्या होगी, इस पर ज्यादा थी. ये बिना विधायकों वाले महामंडल कल दूसरी सरकार के आने पर पिछला सब कुछ भुलाकर नई सरकार में शामिल नजर आएंगे.’’


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‘थैली’ की भाषा बोल रहे हैं कुछ लोग- सामना


शिवसेना ने कहा, ‘’भ्रष्टाचार और जुल्म करके कोई राजनीति करेगा और क्षणभंगुर सत्ता का उपयोग करके तोड़-फोड़ करनेवाला होगा तो उस पतित को जनता नहीं छोड़ेगी. सत्ता स्थापना के निमित्त पतितों के जोर से बांग देने का मामला शुरू हो गया है. जिनका बीजेपी, हिंदुत्व की विचारधारा से रत्ती भर भी संबंध नहीं है, ऐसे कुछ ‘पतित’ नए विधायकों से संपर्क करके ‘थैली’ की भाषा बोल रहे हैं.’’


शिवसेना ने यह भी कहा, ‘’दिल्ली में अहमद पटेल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की गुप्त मुलाकात हुई. उसमें कुछ अलग मंत्रणा हुई, ‘मीडिया’ ने ऐसी खबर फैलाई है. कल गडकरी और अन्य अगुवा नेताओं की भेंट-मुलाकात हुई फिर भी महाराष्ट्र का पत्ता भी नहीं हिलेगा, क्योंकि तना और टहनियां मजबूत हैं. अहमद पटेल के ‘भरूच’ जिले में सड़कों की स्थिति खराब है और इन सड़कों के काम के लिए वे देश के सड़क निर्माण मंत्री से मिले होंगे तो उसमें इतनी चिंता क्यों हो?’’


 ‘शिवसेना’ का मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करने वाला है- सामना


शिवसेना ने कहा, ‘’महाराष्ट्र की दृष्टि से एक ही खुशखबरी अपेक्षित है और वो मतलब ‘शिवसेना’ का मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करने वाला है. महाराष्ट्र की किस्मत में एक स्वाभिमानी सरकार आएगी और ऐसा यदि जनता के ललाट पर लिखा होगा तो उस भाग्यरेखा को मिटाने की ताकत किसी में नहीं है, क्योंकि ये भाग्यरेखा भगवी है.’’


सामना में आगे लिखा है, ‘’बीजेपी चर्चा का दरवाजा बंद करके नहीं बैठी है’ ऐसा कहा जा रहा है. हमने भी दरवाजे, खिड़कियां खोल रखी हैं और हवाएं अठखेलियां कर रही हैं. सिर्फ इतनी सतर्कता रखी है कि हवा के साथ कीट-पतंगे अंदर न आ जाएं.’’ आगे कहा गया है, ‘’पिछली सत्ता का उपयोग अगली सत्ता के लिए ‘थैलियां’ बांटने में हो रहा है, पर किसानों के हाथ कोई दमड़ी भी रखने को तैयार नहीं है. इसीलिए किसानों को शिवसेना की सत्ता चाहिए. यह हम सिर्फ मुद्दे की बात कर रहे हैं और मुक्के की बात होगी तो उसका भी उत्तर हम देंग.’’


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