पहली बार शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने
पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए पहली बार शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने हैं. पालघर उपचुनाव के एलान के बाद से ही कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिन्होंने बीजेपी और शिवसेना की कड़वाहट को हद दर्जे तक बढ़ा दिया है. पालघर में बीजेपी सांसद चिंतामण वनगा के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है.
शिवसेना ने बीजेपी को पहला झटका उस वक्त दिया जब उसने चिंतामण वनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा को अपने टिकट पर मैदान में उतार दिया. इस स्थिति से निपटने के लिये बीजेपी ने भी बडा दांव खेला और इलाके के बडे कांग्रेस नेता राजेंद्र गावित को पार्टी में शामिल करके उन्हें टिकट दे दिया. इस रणनीति से बीजेपी-शिवसेना सीधे-सीधे आमने आ गई हैं.
दिलचस्प हो गई है पालघर की लड़ाई
पालघर सीट बीजेपी और शिवसेना के लिए नाक की लड़ाई है तो कांग्रेस और बहुजन विकास अघाड़ी पार्टी के मैदान में उतरने से ये लड़ाई और दिलचस्प हो गई है. शिवसेना ने बीजेपी के दिवंगत सांसद चिंतामण बनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा को ही मैदान में उतारा है.
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजेंद्र गावित को. कांग्रेस के टिकट पर पांच बार के पूर्व सांसद दामू शिंगडा चुनाव लड़ रहे हैं तो बहुजन विकास अघाड़ी पार्टी से बलराम जाधव उम्मीदवार हैं, जिन्हें इलाके के बाहुबली हिंतेंद्र ठाकुर का समर्थन हासिल है. पालघर में शिवसेना और बीजेपी भले पूरी ताकत झोंक रही हों लेकिन यहां हकीकत में मुकाबला चार उम्मीदवारों के बीच है. अब 31 मई को ही तय होगा पालघर किसके पाले में जाता है.
भंडारा गोंदिया लोक सभा उपचुनाव में घिरी बीजेपी
वहीं भंडारा गोंदिया लोक सभा उपचुनाव में किसानों को पैसे बांटने के सरकारी फैसले पर बीजेपी घिर गई है. एनसीपी की चुनाव आयोग में शिकायत के बाद फडणवीस सरकार ने लोकसभा चुनाव तक किसानों को पैसा बांटने का फैसला वापस ले लिया है. एनसीपी ने कल चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि भंडारा गोंदिया के किसानों के लिए फडणवीस सरकार ने करीब 11 करोड़ रुपये जिला प्रशासन को ट्रांसफर किए हैं. अब लोकसभा उपचुनाव के बाद ही किसानों को ये पैसे बांटे जा सकेंगे.
महाराष्ट्र के गोंदिया भंडारा लोकसभा में बीजेपी सांसद नाना पटोले के इस्तीफे के बाद उपचुनाव हो रहा है. यहां कांग्रेस और एनसीपी का बीजेपी से सीधे मुकाबला है. उपचुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ बगावत कर चुके पूर्व बीजेपी सांसद नाना पटोले के असर का टेस्ट होगा तो एनसीपी के दिग्गज प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार की साख की भी परीक्षा होगी.