मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है. इस बीच सरकार बनाने की कवायद में जुटी शिवसेना ने बड़ा बयान दिया है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ के सहयोगी चैनल एबीपी माझा से खास बातचीत में कहा है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों पार्टियां साथ आएंगी. दोबारा चुनाव कराने का सवाल ही पैदा नहीं होता. संजय राउत की अस्पताल से छुट्टी हो गई है.


संजय राउत ने कहा, ‘’समान कार्यक्रम पर हम तीनों पार्टियां (शिवसेना-NCP-कांग्रेस) एक साथ आएंगी. राज्य में दोबारा चुनाव नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा कि हर 6 महिना में चुनाव कराने के लिए क्या हमने कोई दुकान खोल रखी है.’’ इससे पहले सूत्रों से खबर मिली थी कि अगर पार्टी का एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन नहीं हुआ तो वह फिर से चुनाव में जाने को तैयार है.


साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही हैं तीनों पार्टियां


बता दें कि सरकार गठन की कोशिशों के तौर पर हिंदुत्व विचारधारा का समर्थन करने वाली शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में उसने इन पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ा था. महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केन्द्र को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा हालात में राज्य में स्थिर सरकार के गठन के तमाम प्रयासों के बावजूद यह असंभव प्रतीत होता है.


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शिवसेना ने छोड़ा एनडीए का साथ


सत्ता में साझेदारी को लेकर बीजेपी-शिवसेना में मनमुटाव होने के बाद गठबंधन सहयोगी अलग हो गए और शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया. विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश करने से इनकार कर दिया. उसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को दावा पेश करने का न्योता दिया.


शिवसेना ने हालांकि राज्यपाल से मिलकर दावा किया कि उसे कांग्रेस और एनसीपी का सैद्धांतिक समर्थन मिल चुका है, लेकिन वह दोनों दलों का समर्थन पत्र पेश करने में नाकाम रही. शिवसेना ने राज्यपाल से ऐसा करने के लिए तीन दिन का वक्त मांगा लेकिन उन्होंने शिवसेना की ये मांग खारिज कर दी.


इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) को सरकार बनाने का दावा पेश करने का न्योता दिया. उन्होंने एनसीपी को मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था. राज्यपाल ने केन्द्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मंगलवार सुबह एनसीपी ने उन्हें संदेश भेजा कि पार्टी को उचित समर्थन जुटाने के लिए और तीन दिन का वक्त चाहिए.


145 के बहुमत के आंकड़े तक कौन पहुंचेगा?


गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. वहीं एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.


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