मुंबई: कोरोना वायरस संकट के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में पल-पल खेल बदल रहा है. पिछले कई दिनों से राज्य में सियासी उठापठक चल रही है. बीजेपी लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग रही है. बीजेपी का आरोप है कि उद्धव सरकार कोरोना का सामना करने में नाकाम साबित हो रही है. इस बीच आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक शुरू हो गई है.
लगातार राज्यपाल से मुलाकात कर रहे हैं शिवसेना-NCP नेता
पिछले तीन दिनों में शिवसेना, एनसीपी नेताओं की राज्यपाल से हो रही मुलाक़ातें और दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हो रही गुप्त बैठकों ने गठबंधन की सरकार पर कांग्रेस के महत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान से भी साफ हो गया है कि कांग्रेस की गठबंधन की इस सरकार में बन रहने की ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है. ऐसे में क्या कांग्रेस को अलग रखकर शिवसेना-एनसीपी, बीजेपी के साथ सरकार बनाने के तरफ़ बढ़ रहे हैं?
उद्धव सरकार पर कोई खतरा नहीं- गठबंधन
हालांकि गठबंधन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है उद्धव सरकार को किसी तरह का कोई ख़तरा नहीं है. बीजेपी लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करके ठाकरे सरकार को मुश्किल में लाने के लिए दबाव बना रही है.
बीजेपी की मांग- राज्य में लागू हो राष्ट्रपति शासन
राज्य सरकार को लग रहा है कि केंद्र सरकार कोरोना की स्थिती को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है और इसी पर चर्चा करने शिवसेना, एनसीपी के नेता राज्यपाल से मिल रहे हैं. तो सवाल ये है कि इन बैठकों से कांग्रेस ग़ायब क्यों है. अब राज्य में राष्ट्रप्रति शासन लगेगा या नए फ़ॉर्मूले वाली सरकार बनेगी ये आनेवाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा.
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