प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाल्मीकि जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि समानता और न्याय पर आधारित उनके विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘वाल्मीकि जयंती पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय पर आधारित उनके आदर्श विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे.’’
प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की पिछली कड़ी में भी महर्षि वाल्मीकि को याद किया था. ट्वीट के साथ ही उन्होंने महर्षि वाल्मीकि से संबंधित अपने संबोधन का हिस्सा भी साझा किया. उन्होंने कहा था कि महर्षि वाल्मीकि के आचार, विचार और आदर्श आज नये भारत के हमारे संकल्प के लिए प्रेरणा भी हैं और दिशा-निर्देश भी हैं.
जानिए कौन थे महर्षि वाल्मीकि
माना जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम की कहानी महर्षि वाल्मीकि ने नारद मुनि से सुनी थी. इन्हीं के मार्गदर्शन में उन्होंने महाकाव्य लिखा. रामायण लगभग 480002 शब्दों से बनी है. माना जाता है कि भगवान राम की कहानी नारद मुनि पीढ़ियों तक संजो के रखना चाहते थे. यही कारण है कि उन्होंने वाल्मीकि जी को इसके लिए चुना. इसके बाद महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी.
वाल्मीकि जयंती कैसे मनाई जाती है?
वाल्मीकि जयंती देश भर में हर्षोल्लास से मनाई जाती है. इस दिन मंदिरों में पूजा-अर्चना कर वाल्मीकि जी की विशेष आरती होती है. इसके साथ ही वाल्मीकि जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा भी निकाली जाती है. इस अवसर पर लोग बड़े उत्साहित होते हैं. इस दिन रामायण का पाठ करना शुभ माना जाता है. साथ ही 'राम' नाम का जाप भी किया जाता है.
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