Maharashtra News: पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को झटका, महाराष्ट्र सरकार ने रोकी सैलरी
Maharashtra News: एंटीलिया प्रकरण में आरोप लगने के बाद परमबीर सिंह छुट्टी के नाम पर मुम्बई से बाहर गए थे लेकिन अब लापता हैं.
Maharashtra News: एंटीलिया कांड और वसूली के आरोपों में घिरे मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें भगौड़ा मानते हुए उनकी सैलरी पर रोक लगा दी है. बता दें कि एंटीलिया कांड में आरोप लगने के बाद परमबीर सिंह छुट्टी के नाम पर मुंबई से बाहर गए थे, लेकिन अब लापता हैं.
निलंबन का मन बना रही है राज्य सरकार
परमबीर सिंह पर मुंबई और ठाणे में कई एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने परमबीर सिंह को समन कि पर कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में अब राज्य सरकार परमबीर को भगौड़ा मान रही है. राज्य सरकार उनके निलंबन के संबंध में कार्रवाई का मन भी बना रही है.
कई बार भेजा गया परमबीर सिंह को समन
एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच कर रही एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा है, लेकिन उन्हें अबतक समन डिलीवर नहीं हुआ है. एनआईए और महाराष्ट्र राज्य की जांच एजेंसियों को शक है कि गिरफ़्तारी के डर से परमबीर सिंह देश छोड़कर चले गए हैं.
सीएम उद्धव ठाकरे ने कही ये बात
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने बीते शनिवार को कहा कि राज्य में एक ऐसा मामला है, जहां शिकायतकर्ता लापता हो गया है. उन्होंने बम्बई हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ में एनेक्सी बिल्डिंग की दो विंग के उद्घाटन के मौके पर यह बयान दिय. इस अवसर पर भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और अन्य उपस्थित थे.
ठाकरे ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने (कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान) बताया कि महाराष्ट्र में 1958 से एक मामला लंबित है क्योंकि आरोपी फरार है. लेकिन आज हमारे पास एक ऐसा मामला है, जहां शिकायतकर्ता लापता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की, लेकिन अब गायब हैं. हमें नहीं पता कि वह कहां हैं. इस पर भी गौर करने की जरूरत है.’’ हालांकि, मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी स्पष्ट रूप से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर लक्षित थी, जिन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.