(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पीएम मोदी ने चाय पर बुलाया तो क्या कहेंगे? महात्मा गांधी के पोते बोले- यह नामुमकिन है
Rajmohan Gandhi: उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद मौजूदा भारत में लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हुईं हैं. वहीं लोकतांत्रिक संस्थाओं को काफी ज्यादा चोट पहुंची है, लिखने, बोलने और सभाएं करने की आजादी कम हो गई है.
Rajmohan Gandhi Interview: महात्मा गांधी के पोते और जाने-माने इतिहासकार राजमोहन गांधी ने बीबीसी हिंदी से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर खुलकर बात की. जब उनसे सवाल किया गया कि अगर उनकी मुलाकात पीएम मोदी से हुई तो वो उनसे क्या कहेंगे? इसपर राजमोहन गांधी ने कहा, "मुझे उनकी शांति से बहुत अफसोस है." उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद मौजूदा भारत में लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हुईं हैं. वहीं लोकतांत्रिक संस्थाएं को काफी ज्यादा चोट पहुंची है, लिखने, बोलने और सभाएं करने की आजादी कम हो गई है.
यह नामुमकिन है...
अगर आपको प्रधानमंत्री चाय पर बुलाते हैं तो आप उनसे क्या कहेंगे? इस पर उन्होंने कहा, यह नामुमकिन है कि प्रधानमंत्री उन्हें मिलने के लिए बुलाएंगे, लेकिन अगर उन्होंने बुलाया तो वो उनसे मिलने जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा, "मैं उनसे (पीएम मोदी) कहूंगा कि मुझे आपकी शांति से बहुत अफसोस है. यहां इतना कुछ जुल्म हो रहे हैं लेकिन आपके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला है इसका मुझे बेहद खेद है."
यह भारत सबका है
राजमोहन गांधी ने आगे कहा, उनको (पीएम मोदी) यह कहना चाहिए कि यह भारत सबका है और चाहे कोई किसी भी धर्म का हो, सरकार उसकी रक्षा करेगी, उसके अधिकार की रक्षा करेगा. उनका कहना था कि पीएम मोदी अपनी सभाओं में यह नहीं कहते कि मैं सबका साथ दूंगा, वो कहते हैं कि मुझे सबका साथ चाहिए.
मीडिया को लेकर मुझे यकीन नहीं होता...
दरअसल, हाल ही में राजमोहन गांधी की एक नई किताब प्रकाशित हुई है, जिसका नाम इंडिया आफ्टर 1947: रिफ्लेक्शन्स एंड किरलेक्शन्स है. अपनी इस नई किताब, भारत में मौजूदा लोकतंत्र और वर्तमान मीडिया की स्थिति पर उन्होंने बात की. राजमोहन गांधी ने मीडिया के बारे में कहा, मुझे तो कई बार यकीन नहीं होता है कि मीडिया में जो हो रहा है वो सच है या नहीं.
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