अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के सौंदर्यीकरण की गुजरात सरकार की योजना के खिलाफ महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. मामले में सुप्रीम कोर्ट में 01 अप्रैल को सुनवाई होगी. तुषार गांधी का कहना है कि सौंदर्यीकरण से आश्रम की पवित्रता और सादगी प्रभावित हो सकती है. 


बता दें कि इससे पहले तुषार गांधी की याचिका को गुजरात हाईकोर्ट खारिज कर चुका है. अब तुषार गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. गुजरात हाईकोर्ट ने 25 नवंबर 2021 को तुषार गांधी की याचिका खारिज कर दी थी.


'आश्रम को उसके मूल स्वरूप में संरक्षित किया जाना चाहिए'


गुजरात हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में तुषार गांधी ने कहा था कि करीब 1200 करोड़ रुपये की इस परियोजना से इस ऐतिहासिक महत्व वाले आश्रम और इसके संचालन की मूल प्रकृति प्रभावित होगी. इसलिए इसे रद्द कर आश्रम को उसके मूल स्वरूप में संरक्षित किया जाना चाहिए. वहीं कई गांधीवादी संगठनों ने आश्रम के सौंदर्यीकरण के विरोध में एक यात्रा का भी आयोजन किया था. 


गांधी आश्रम मेमोरियल और प्रेसिंक्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को चुनौती


गौरतलब है कि गुजरात सरकार 54 एकड़ में फैले इस आश्रम और इसके आस-पास स्थित 48 हेरिटेज प्रॉपर्टी को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है. महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने गुजरात सरकार की 1200 करोड़ रुपये की गांधी आश्रम मेमोरियल व प्रेसिंक्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को चुनौती दी है. 


गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में गुजरात सरकार, साबरमती आश्रम की विभिन्न गतिविधियों की देखभाल करने वाले छह ट्रस्टों, गांधी स्मारक निधि नामक चेरिटेबल ट्रस्ट, अहमदाबाद नगर निगम और प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य सभी लोगों को प्रतिवादी बनाया गया था. तुषार गांधी ने इन ट्रस्टों से सवाल किया कि वे अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा पा रहे हैं?


ये भी पढ़ें- 


Yogi 2.0: दोबारा शपथ लेने से पहले सीएम योगी के गांव में जश्न का माहौल, पांच साल पहले हुई थी मां से मुलाकात


पश्चिम बंगाल: हाई कोर्ट ने बीरभूम हिंसा की CBI जांच का आदेश दिया, 7 अप्रैल तक जमा करनी होगी रिपोर्ट