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Gandhi jayanti: जानिए आखिर भारतीय नोटों पर गांधी जी की ही तस्वीर क्यों लगी है?
Gandhi jayanti: आखिर भारत में इतने महापुरुषों के होने के बावजूद तमाम नोटों पर सिर्फ गांधी जी की ही तस्वीर क्यों छापी गई. इस साल गांधी जी की 150वीं जयंती पर ऐसे ही रोचक सवालों के जवाब हम लेकर आए हैं आपके लिए.
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नई दिल्ली: भारतीय नोटों पर छपी गांधी जी की तस्वीर तो आपने देखी ही होगी, लेकिन नोटों पर सिर्फ गांधी जी की तस्वीर ही क्यों छपती है इस सवाल के बारे में आपने शायद ही सोचा होगा. ऐसे और भी सवाल हैं कि आखिर भारत में इतने महापुरुषों के होने के बावजूद तमाम नोटों पर सिर्फ गांधी जी की ही तस्वीर क्यों छापी गई. इस साल गांधी जी की 150वीं जयंती पर ऐसे ही रोचक सवालों के जवाब हम लेकर आए हैं आपके लिए.
भारतीय रुपए की विश्व में एक खास प्रतिष्ठा है. दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की करेंसी में भारतीय करेंसी पर दुनिया भरोसा करती है. लगभग हर देश की करेंसी पर किसी न किसी महापुरुष की तस्वीर लगी रहती है. करेंसी पर अमूमन ऐसी ही तस्वीर लगी रहती है जिससे उस देश की वास्तविक छवि का सही-सही प्रतिनिधित्व होता है. लेकिन भारतीय नोटों पर ऐसा नहीं है कि शुरूआत से ही गांधी जी की तस्वीर लगी थी. रिजर्व बैंक ने सभी भारतीय रुपए पर 1996 से महात्मा गांधी की तस्वीर लगी नोटों का सर्कुलेशन बाजार में शुरू किया था. 1996 में बापू की तस्वीर लगी जारी किए गए नोटों को महात्मा गांधी सीरीज का नाम दिया गया था.
हालांकि, 1996 से सालों पहले भी महात्मा गांधी की तस्वीर लगी नोट रिजर्व बैंक ने 1969 में जारी की थी. गांधी जी के जन्म शताब्दी के अवसर पर केन्द्रीय बैंक ने कुछ नोटों पर गांधी की तस्वीर लगाई थी. इनमें छोटे डिनोमिनेशन (यानी कम अमाउंट के) के नोट शामिल थे.
भारतीय नोटों को देखते ही महात्मा गांधी की तस्वीर दिमाग में उभर के सामने आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नोटों पर लगी गांधी की वो तस्वीर कहां ली गई थी.
- नोटों पर छपी गांधी की ये फोटो उनकी तत्कालीन भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी लॉर्ड फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ हुई 1946 में मुलाकात के दौरान ली गई थी. इस तस्वीर को किसी मशहूर फोटोग्राफर ने खींचा था, बल्कि उस फोटो के वास्तविक फोटोग्राफर का नाम आज तक किसी को पता नहीं है. इसी फोटो को बाद में क्रॉप कर सिर्फ चेहरे वाले हिस्से को नोटों पर लगाया गया था. गांधी जी इस फोटो में बेहद ही सौम्य अंदाज में मुस्कराते हुए दिखते हैं.
- आजादी से पहले भारतीय नोटों पर किसी भारतीय व्यक्ति की तस्वीर नहीं लगी थी. इसके पीछे की मुख्य वजह भारत का गुलाम होना था. तब के समय में यहां के नोटो पर ब्रिटेन की महारानी की तस्वीर लगी रहती थी. हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो गया है और उसके बाद ब्रिटेन की महारानी की लगी तस्वीरें भारतीय नोटों पर छपनी बंद हो गई. भारतीय नोट देश की विविधता का बड़ी ही खूबसूरती से प्रदर्शन करता है. जैसा कि हमारे देश में कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर भाषाओं में अंतर आ जाता है ऐसे में इन चीजों का खास ख्याल रखते हुए हमारे नोटों पर देश की 17 भाषाओं में नोट की वैल्यू लिखी होती है.
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion