चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र, गलवान के पांच अन्य सैनिकों को भी मिला सम्मान
चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है.
नई दिल्ली: पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है. संतोष बाबू के साथ पांच अन्य सैनिकों को भी मरणोपरान्त सम्मानित किया गया है.
नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, हवलदार तेजेंद्र सिंह, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को गलवान घाटी के लिए वीरता मेडल दिया गया है. शहीद मेजर अनुज सूद को कश्मीर घाटी में उत्कृष्ट कार्य के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है.
गलवान घाटी में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी संतोष बाबू समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए थे. दोनों देशों की सेनाओं के बीच दशकों में यह सबसे बड़ा टकराव हुआ था.
चीन ने झड़प में मारे गए और घायल हुए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में खुलासा नहीं किया लेकिन आधिकारिक तौर पर माना था कि उसके सैनिक भी हताहत हुए. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना के 35 कर्मी हताहत हुए.
गलवान घाटी में झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव और बढ़ गया जिसके बाद दोनों सेनाओं ने टकराव वाले कई स्थानों पर अपने-अपने सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी.
चीनी सैनिकों ने झड़प के दौरान पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों से भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमला किया था. यह झड़प उस वक्त हुई थी जब गलवान घाटी में गश्ती स्थल 14 के आसपास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने का भारतीय सैनिकों ने विरोध किया.
भारत और चीन के बीच पिछले आठ महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध चल रहा है. भारतीय सेना ने पहाड़ी क्षेत्र में करीब 50,000 सैनिकों की तैनाती कर रखी है. अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी इतने ही सैनिकों की तैनाती की है. दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है.