स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने आर्मी ड्रेस में लदाख पहुंचे महेंद्र सिंह धोनी
आज 15 अगस्त को धोनी के इस आर्मी सेशल की 15 दिन की जर्नी खत्म हो रही है. इस दौरान धोनी ने 31 जुलाई को खुनमु में 106 पैरा टीए यूनिट में शामिल हुए थे.
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, इन दिनों वह जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के साथ हैं. धोनी लदाख में स्वतंत्रता दिवस के जश्न में शामिल होंगे. लदाख पहुंच कर धोनी ने आर्मी जनरल हॉस्पिटल का दौरा किया और मरीजों से मुलाकात की.
Indian cricketer MS Dhoni is in #Ladakh to celebrate Independence Day
He visited Army General Hospital and interacted with the patients. #Dhoni is in honorary rank of lieutenant colonel in Territorial Army. #IndiaIndependenceDay #Report:Ramesh chandra,@prasarbharti pic.twitter.com/R9WQYjbMXA — All India Radio News (@airnewsalerts) August 14, 2019
अपने प्रवास के दौरान, धोनी के सियाचिन जाने की उम्मीद है. जिसमें सियाचिन बैटल स्कूल की यात्रा भी शामिल है.
सेना के सूत्रों के अनुसार, धोनी स्वतंत्रता दिवस पर सियाचिन की यात्रा करेंगे. ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में जवान किस तरह ट्रेनिंग लेते हैं और किस परिस्थिति में रहते हैं इस बात का जायजा लेंगे. धोनी इस दौरे के दौरान सियाचिन युद्ध स्मारक पर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि भी देंगे.
सियाचिन ग्लेशियर हिमालय में पूर्वी काराकोरम श्रेणी में स्थित है और भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के करीब है.
आज 15 अगस्त को धोनी के इस सेशल की 15 दिन की जर्नी खत्म हो रही है. इस दौरान धोनी ने 31 जुलाई को खुनमु में 106 पैरा टीए यूनिट में शामिल हुए, जो श्रीनगर के पास है. 38 साल के पूर्व कप्तना अपनी यूनिट के साथ पांच दिनों तक रहे जहां उन्होंने जवानों के साथ साथ ट्रेनिंग ली और सैनिकों के साथ बातचीत भी की.
कैसा रहा धोनी के इस दौरे का कार्यक्रम बताया जाता है कि धोनी 5 अगस्त को सेना के 15 कोर मुख्यालय में थे, जहां उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की. 6 अगस्त को धोनी बारामुला में थे. इसके बाद धोनी ने 7 अगस्त को उरी में ट्रेनिंग ली, जबकि 8 अगस्त को वह अनंतनाग में थे, जिसके बाद वह अपने 106 पैरा यूनिट में लौट आए.
12 अगस्त को धोनी लेह पहुंचे, जहां उन्होंने एक शानदार दिन बिताया. 14 वें दिन, धोनी एक आर्मी टुकड़ी में शामिल हो गए जहां उन्होंने ट्रेनिंग ली और अगले दिन भी इसी तरह की दिनचर्या का पालन किया.
ऐसा बताया जाता है धोनी अपने इस प्रवास के दौरान फायरिंग कैसे होती और सेना की गश्त कैसे लगाती होती है इन सब की ट्रेनिंग ली. खबरों की मानें तो गोला-बारूद के प्रशिक्षण के साथ-साथ धोनी को युद्ध कौशल के बारे में भी बताया गया कि कैसे एक दुश्मन को निशाना बनाया जाए और कैसे उसका लक्ष्य बनने से बचा जाए.
अपने सेशन के दौरान, धोनी काफी दोस्ताना थे और सुबह 5 बजे उठकर पूरी सेना के कार्यक्रम का पालन करते थे. शारीरिक प्रशिक्षण से लेकर ट्रेनिंग क्लास तक, फिर शाम को खेल गतिविधियों के लिए प्रैक्टिकल में धोनी ने अपना 100 प्रतिशत दिया.