महुआ मोइत्रा को नोटिस, 'क्यों खाली नहीं किया सरकारी बंगला?'
Mahua Moitra Bungalow Row: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को संपदा निदेशालय (डीओई) के नोटिस का तीन दिनों के भीतर जवाब देना होगा. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
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Mahua Moitra Bungalow Row: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला नहीं खाली करने पर सोमवार (8 जनवरी) को संपदा निदेशालय (डीओई) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने शहरी आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा को पिछले साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. उनसे 7 जनवरी तक बंगला खाली करने को कहा गया था क्योंकि उनका आवंटन रद्द कर दिया था. डीओई ने अब उन्हें 3 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा है.
सूत्रों ने बताया, ''महुआ मोइत्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि उन्होंने अभी तक अपना सरकारी बंगला खाली क्यों नहीं किया है.''
दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 जनवरी को तृणमूल कांग्रेस की नेता को उन्हें आवंटित सरकारी आवास में बने रहने के साथ डीओई से संपर्क करने को कहा था.
सरकारी बंगला खाली करने के निर्देश को दी थी चुनौती
लोकसभा से निष्कासन के बाद आवंटन रद्द होने के कारण 7 जनवरी तक सरकारी बंगला खाली करने के निर्देश को महुआ मोइत्रा ने चुनौती दी थी. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यन प्रसाद ने कहा कि नियमों के मुताबिक असाधारण परिस्थितियों में अधिकारी शुल्क का भुगतान कर व्यक्ति को 6 महीने तक रहने की अनुमति दे सकते हैं.
कोर्ट ने मोइत्रा को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी और कहा कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इसमें कहा गया कि संपदा निदेशालय अपने विवेक से इस मामले में फैसला करेगा.
सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की थी सदस्या समाप्त करने के खिलाफ याचिका
महुआ मोइत्रा को कथित तौर पर अडाणी समूह से संबंधित सवाल पूछने के लिए दुबई के एक व्यवसायी के साथ अपने (संसद की सदस्यता से संबंधित) लॉगिन विवरण साझा करने के मामले में संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर बुधवार (3 जनवरी) को लोकसभा महासचिव को नोटिस भी जारी किया था.
लोकसभा महासचिव की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करें. इस मामले में अगली सुनवाई 11 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह से होगी.
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