Mahua Moitra Cash-for-Query Row: लोकसभा की आचार समिति (Ethics Committee) की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की संसद सदस्यता को समाप्त करने की सिफारिश की गई है. इसमें व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ 'लॉग-इन क्रेडेंशियल' साझा करने के मामले को बेहद ही गंभीर बताया गया है. इस रिपोर्ट को तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद मोइत्रा ने मजाक करार दिया है. वहीं शिकायतकर्ता बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने उनपर वार किया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बीजेपी सांसद ने कहा कि अगर कोई सांसद कहता है कि मेरे ओटीपी का इस्तेमाल 4 अन्य लोग करते हैं, तो यह गलत है. ऐसा करने के लिए सरकार ने यह अधिकार नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि हमें सांसद होने के नाते एक पोर्टल और लॉगिन क्रेडेंशियल मिला है.
निशिकांत दुबे ने कहा, ''लोकसभा सचिवालय ने सभी सांसदों को एक पीए भी मुहैया कराया हुआ है यदि वह पीए सक्षम नहीं है, तो आप उसे हटा सकते हैं. उसकी जगह पर एक नया पीए नियुक्त कर सकते हैं लेकिन आप किसी बाहरी व्यक्ति को अपना 'लॉगिन क्रेडेंशियल' नहीं दे सकते. इस पोर्टल पर भारत के बारे में संवेदनशील जानकारी हैं. किसी दूसरे बाहरी के साथ 'लॉगिन क्रेडेंशियल' शेयर करने से इन संवदेशनशील सूचनाओं से हेराफेरी की जा सकती है.''
समिति को सौंपी गई 479 पन्नों की रिपोर्ट
दुबे ने टीएमसी सांसद के 'चीरहरण' के आरोप पर कहा, ''महुआ मोइत्रा के दोस्त उनका 'चीरहरण' कर रहे हैं. ये बात दानिश अली और गिरिधारी यादव से पूछनी चाहिए.'' बता दें कि लोकसभा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में समिति ने गुरुवार को 479 पन्नों की रिपोर्ट अडॉप्ट की है.
'महुआ का दावा-चुनावों में बड़े जनादेश के साथ वापस आऊंगी'
उधर, महुआ मोइत्रा ने कमेटी की ओर से उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि वह 2024 के चुनावों में बड़े जनादेश के साथ वापस आएंगी. सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में महुआ ने कहा, ''संसदीय इतिहास में उस आचार समिति की ओर से अनैतिक रूप से निष्कासित की जाने वाली पहली व्यक्ति बनने पर गर्व है, जिसके अधिकार क्षेत्र में निष्कासन शामिल ही नहीं है.''
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