Mahua Moitra: 'अपने बॉस का पजामा…', क्या महिला आयोग से पंगा लेना महुआ मोइत्रा को पड़ेगा भारी, खतरे में सांसदी!
Mahua Moitra: दिल्ली पुलिस ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में केस दर्ज किया है. ऐसा क्या हुआ कि महिला आयोग ने FIR करा दी?
FIR On Mahua Moitra: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं. उन्होंने एक बार फिर से नई मुसीबत मोल ले ली है. दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से की गई थी. ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि महिला आयोग से पंगा लेना क्या महुआ को भारी पड़ सकता है.
इस FIR के पीछे की वजह है महुआ मोइत्रा का बयान, जो उन्होंने 2 जुलाई को दिया था. जब राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा हाथरस हादसे के बाद वहां पहुंची थी तो उनके पीछे एक शख्स छाता पकड़ के जा रहा था और जैसे ही यह वीडियो सामने आया वैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया. बस फिर क्या था, महुआ मोइत्रा ने अभद्र टिप्पणी की जिस पर बवाल मच गया. हालांकि उन्होंने वीडियो और कमेंट डिलीट कर दिया, लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग में स्वत संज्ञान लेते हुए शिकायद दर्ज करा दी.
मैं अपना छाता खुद पकड़ सकती हूं- महुआ मोइत्रा
महिला आयोग के द्वारा दर्ज की गई शिकायत में उन्होंने महुआ कि टिप्पणी को बहुत अभद्र बताया और महिलाओं के अपमान के साथ-साथ जीने के अधिकार का सरासर उल्लंघन भी बताया. इसी आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत केस दर्ज कर लिया. यहां पर मामला नहीं रुकता राष्ट्रीय महिला आयोग की पोस्ट का भी महुआ मोइत्रा ने जवाब दिया कि दिल्ली पुलिस स्वत संज्ञान आदर्श पर तुरंत कार्रवाई करें. अगर अगले तीन दिन में मेरी गिरफ्तारी की तुरंत जरूरत हो तो मैं नादिया में हूं और मैं अपना छाता खुद पकड़ सकती हूं. महुआ ने महिला आयोग की अध्यक्ष पर पहले जो एक्स पोस्ट किया था उसमें लिखा था, वह अपने बॉस का पजामा संभालने में बहुत व्यस्त है.
फिर जा सकती है सांसदी!
इसके बाद अब सवाल यह होता है कि क्या महुआ मोइत्रा की सांसदी फिर एक बार खतरे में है. क्योंकि भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के मुताबिक महिला की गरिमा को अपमानित करने के मामले में दोषी ठहराए जाने पर जेल की सजा होती है, जिसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ-साथ जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है. यह भी बता दे कि अगर किसी विधायक या सांसद को 2 साल से अधिक की जेल होती है तो तत्काल उस व्यक्ति की सदस्यता खत्म हो जाती है. पिछली लोकसभा में महुआ मोइत्रा की कैश फॉर क्वेरी मामले में सांसदी चली गई थी. वे इस बार लोकसभा चुनाव में फिर से कृष्णानगर सीट से जीतकर पहुंची हैं.
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