Howrah violence Row: हावड़ा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से ही पश्चिम बंगाल में टीएमसी (TMC) और बीजेपी (BJP) आसने-सामने आ गई है. दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने हिंसा को लेकर बीजेपी के "हिंदू खतरे में हैं" वाले बयान पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बीजेपी ने रामनवमी के बीच "हिंदू खतरे में हैं" वाला राग छेड़ दिया है. ये सिलसिला 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा. 


महुआ मोइत्रा ने आगे कहा कि इस बार पाकिस्तान का मुद्दा, बाहरी ताकतों का हमला- ये मुद्दे काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए ही हिंदू कार्ड खेला जा रहा है. उन्होंने आगे लिखा 'जय मां काली. बुद्धि दे मां. मेरे देश को बचाओ. हावड़ा में इस वक्त स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. दरअसल, रामनवमी पर एक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद से ही दोनों पार्टियों में बयानबाजी का दौर जारी है. 


अब कैसी है स्थिति?


हावड़ा के एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में भारी पुलिस बल के बंदोबस्त के बीच सुबह से यातायात शुरू होने के कारण दुकानें और बाजार खुल गए हैं. हालांकि, इंटरनेट कनेक्शन अभी भी बंद है, जबकि इलाके में और उसके आसपास सीआरपीसी की धारा 144 लागू है. हिंसा के दौरान कई दुकानों और आवासों में तोड़फोड़ की गई थी. अधिकारी ने कहा कि राज्य में अब सीआईडी इस हिंसा की जांच कर रही है. 


ममता बनर्जी ने बीजेपी पर लगाया आरोप 


हावड़ा में पुलिस ने शुक्रवार-शनिवार की रात भर छापेमारी जारी रखी और तोड़फोड़ में कथित संलिप्तता के लिए कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया. हिंसा के दौरान कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कारों में आग लगा दी गई. शुक्रवार (31 मार्च) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि काजीपारा इलाके में हुई हिंसा के पीछे बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन हैं. 






बीजेपी ने उठाई NIA जांच की मांग 


वहीं, बीजेपी ने बनर्जी के आरोपों का खंडन किया और इसके बजाय मामले की एनआईए जांच की मांग की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (31 मार्च) को हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बात की और स्थिति का जायजा लिया. बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी हावड़ा हिंसा में विदेशी साजिश बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है. 


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