Mahua Moitra Row: स्पीकर ने बताया- संसद की गरिमा के लिए फैसला, विपक्ष बोला- न्याय के खिलाफ, जानें महुआ की सांसदी जाने पर किसने क्या कहा
Cash for query case: घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में निष्कासित की गई तृणमूल कांग्रेस की निवर्तमान सांसद महुआ मोइत्रा ने इस फैसले को कंगारू कोर्ट का फैसला करार दिया.
Mahua Moitra Expelled From Parliament : घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर पूरे विपक्ष ने उनका साथ दिया है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं ने इसे प्राकृतिक न्याय के खिलाफ उठाया गया कदम बताया है.
निष्कासन के बाद जहां एक तरफ महुआ ने दोबारा संसद लौटने की बात कही है. वहीं दूसरी तरफ TMC सुप्रीमो ममता ने कहा कि महुआ परिस्थितियों की शिकार हैं. सीएम ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस इंडिया (INDIA) गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी. आज सत्तारूढ़ पार्टी का रवैया देखकर दुख हो रहा है. उन्होंने लोकतंत्र को धोखा दिया और महुआ को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति नहीं दी गई. संसद में सरासर अन्याय हुआ है.
लोक सभा अध्यक्ष ने क्या कहा?
जब महुआ को निष्कासित करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया तो विपक्षी सांसदों ने महुआ को अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की. हालांकि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये संसद है, न्यायालय नहीं. परंपरा तोड़कर बोलने नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सदन की गरिमा के लिए कड़े फैसले लेने पड़ेंगे तो लिए जाएंगे.
रिपोर्ट पढ़ने के समय दिया जाए: अधीर रंजन चौधरी
महुआ मोइत्रा के खिलाफ पेश की गई एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने चर्चा की शुरुआत की. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 406 पन्नों की रिपोर्ट इतनी जल्दी कैसे पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय दिया जाए.
इस दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जिन पर आरोप लगाया गया उनको अपनी बात कहने का मौका ही नहीं मिला. यह किस प्रकार का न्याय है? विडंबना है कि 12:00 बजे रिपोर्ट आई और 2:00 बजे बहस शुरू हो गई. यह मुद्दा बहुत संवेदनशील है. महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका दें, तीन-चार दिन में आसमान नहीं गिरेगा. मनीष तिवारी ने कहा कि जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं उनको क्रॉस एग्जामिन करने का भी अधिकार होना चाहिए.
महुआ को सुने बिना निष्पक्ष जांच कैसे होगी?: कल्याण बनर्जी
लोकसभा में चर्चा के दौरान TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि महुआ मोइत्रा को बोलने दिया जाए. उनके पक्ष को नहीं सुनना अन्याय है. महुआ को सुने बिना निष्पक्ष जांच कैसे होगी? ये संविधान का उल्लंघन है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, "उन्होंने (सरकार) हमें बोलने नहीं दिया. उन्होंने लोकतांत्रिक परंपरा को खत्म करने की कोशिश की. इस अन्याय के खिलाफ INDIA गठबंधन की पार्टियां एक साथ आई हैं. महुआ मोइत्रा को न्याय नहीं दिया गया है.
'केवल आरोप के आधार पर निर्णय सही नहीं'
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे या यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, इस मामले में केवल आरोप लगाने वाले व्यक्ति के बयान के आधार पर निर्णय लिया गया. उन्होंने बर्खास्त किए जाने के निर्णय को न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के खिलाफ करार दिया.
केरल की राजनीतिक पार्टी- आरएसपी के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा, "हर कोई जानता है कि महुआ अडानी और पीएम मोदी पर जोरदार हमला करती रही हैं. यही कारण है कि महुआ को बिना किसी उचित कारण के निष्कासित कर दिया गया.
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