Cash For Query Case: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार (01 नवंबर) को कहा कि वह कैश फॉर क्वेरी विवाद में पैनल के आदेश के अनुसार गुरुवार (2 नवंबर) को लोकसभा की आचार समिति के सामने पेश होंगी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दो पन्नों का एक पत्र पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से "जिरह" करने की अपनी मांग दोहराई है.
महुआ मोइत्रा ने एक्स पर लिखा, "चूंकि एथिक्स कमेटी ने मीडिया को मेरा समन जारी करना उचित समझा, इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं भी कल अपनी "सुनवाई" से पहले समिति को अपना पत्र जारी करूं." इससे पहले आचार समिति ने महुआ मोइत्रा के 5 नवंबर के बाद बुलाए जाने के आग्रह को खारिज कर दिया था और उन्हें 2 नवंबर को ही आने के लिए कहा.
'समिति के पास आपराधिक मामलों का अधिकार क्षेत्र नहीं'
बीते दिन यानी मंगलवार (31 अक्टूबर) को महुआ मोइत्रा ने कहा था कि साल 2021 के बाद से आचार समिति की कोई बैठक नहीं हुई है. इसे अभी आदर्श आचार संहिता तैयार करनी है. किसी भी संसदीय स्थाई समिति के पास आपराधिक मामलों को अधिकार क्षेत्र नहीं है. टीएमसी नेता ने बेगुनाह होने का दावा करते हुए कहा, "वे मुझे सिर्फ चुप कराना और निलंबित कराना चाहते हैं. वो आगे बढ़ सकते हैं और फर्जी रिपोर्ट भी तैयार कर सकते हैं. मगर सच तो ये है कि वो मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते."
इससे पहले वकील जय अनंत देहाद्रई और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा की आचार समिति के सामने अपने बयान दर्ज कराए थे. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि लोकसभा में महुआ मोइत्रा की ओर से पूछे गए 61 सवालों में 50 सवाल अडानी ग्रुप पर केंद्रित थे.
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