मैनपुरी: कहते हैं मां से बढ़कर इस दुनियां में कोई नहीं. मां हर दुख सहकर अपने बच्चों को हार हाल में खुश रखती है, पर बच्चे बुढ़ापे में मां को भगवान भरोसे छोड़ अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं और बुजुर्गों को सरकारी योजनाओं के सहारे ही अपना जीवन यापन करना पड़ता है.


मैनपुरी में मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. जहां एक बुजुर्ग मां को उनके बच्चों ने बुढ़ापे में दर-दर की ठोकरे खाने को छोड़ दिया. बुजुर्ग महिला सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ से अपना जीवन यापन करने को मजबूर हो गईं. दुखी होकर बुजुर्ग महिला ने अपनी बारह बीघा जमीन पीएम मोदी के नाम करने का फैसला किया है.


मैनपुरी के किशनी क्षेत्र गांव चितायन की रहने वाली 85 साल की बिट्टन देवी ने सरकार द्वारा मिल रही सरकारी योजनाओं से प्रभावित होकर अपनी बारह बीघा जमीन पीएम मोदी के नाम करने का फैसला किया है. बिट्टन देवी का कहना है कि उनके बेटे उन्हें खाना नहीं देते बहुएं देखभाल नहीं करती. उन्हें सरकार की तरफ से पेंशन मिलती है, जिससे वह अपना जीवन यापन करती हैं.


बिट्टन देवी बुधवार को अचानक मैनपुरी की तहसील पहुंचीं और वकील कृष्‍ण प्रताप सिंह के चैंबर में गईं. वहां उन्‍होंने वकील से बात की और अपनी सारी जमीन पीएम मोदी के नाम पर करने की इच्‍छा जताई. इसे सुनकर वकील हैरान रह गए.





बुजुर्ग महिला को खूब समझाया गया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी हुई हैं. उन्‍होंने वकील से जमीन पीएम मोदी के नाम करने के लिए कहा है. इसके बाद वकील ने उनके बारे में उनसे जानकारी मांगी. इसके बाद बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है. उनके दो बेटे और बहू हैं. बेटे-बहू उनका ख्‍याल नहीं रखते हैं.



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