जम्मू: जम्मू में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जम्मू जिला प्रशासन ने संभाग के पांच तहसीलो में करीब 15000 कनाल भूमि प्रविष्टियों को रद्द किया. इसके साथ ही प्रशासन ने अवैध म्युटेशन को रद्द कर करीब 300 कनाल सरकारी भूमि भी बचाई है.
पिछले कई दशकों से पॉश इलाकों में पड़ी सरकारी जमीनों को अवैध रूप से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों के नाम करने की प्रथा चली आ रही थी. सरकारी जमीन पर लगतार हो रहे इन कब्जों की जानकारी होने के बावजूद राजस्व अधिकारियों ने कभी भी इन कब्जों को राजनैतिक दबाव के चलते हटाने की कोशिश नहीं की, लेकिन हाल ही में जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने के मकसद से यह कवायद शुरू की.
जानकारी के मुताबिक तो जम्मू कश्मीर के हर जिले में सरकारी जमीनों पर कब्जे के आकंड़े सामने आ रहे हैं, लेकिन जिस स्तर पर जम्मू और श्रीनगर में सरकारी जमीनों पर कब्जे किए गए है वो आंकड़े समझ से परे हैं क्योंकि इन दोनों शहरों में जमीनो की कीमतें आसमान छू रही हैं.
अगर आंकड़ों की बात करें तो जम्मू जिले के सुंजवां इलाके में ही 4945 कनाल से अधिक की सरकारी भूमि की अवैध प्रविष्टियों को रद्द किया गया है. वहीं जम्मू के मढ़ और डंसाल तहसीलो में 2892 कनाल और 1681 कनाल से अधिक की सरकारी भूमि की अवैध प्रविष्टियों को रद्द किया गया है. सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के इन आंकड़ों में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है.
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