नई दिल्ली: देश के चार राज्यों में अचानक कैश संकट पैदा हो गया है. बिहार, गुजरात, एमपी और यूपी के कई शहरों में एटीएम खाली होने की शिकायत मिल रही है. लोगों को पैसे मिल नहीं पा रहे हैं, परेशान लोग एटीएम के चक्कर लगा रहे हैं. लोगों को एक बार फिर से नोटबंदी के समय का मुश्किल वक्त याद आ रहा है.


सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति बिहार में है. बिहार में एटीएम तो दूर की बात है, बैंकों में ही पैसे नहीं हैं. पैसे के लिए एटीएम और बैंक जा रहे लोगों का कहना है कि पैसे की किल्लत से कई जरूरी काम रुक रहे हैं. बिहार की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी पटना के सबसे वीआईपी इलाके राजभवन के एटीएम में भी कैश नहीं है. इसी इलाके में राज्यपाल और सीएम नीतीश कुमार का आवास है.


जितनी मांग RBI से उतना कैश नहीं आ रहा: एसबीआई
एसबीआई के बिहार जोन के एजीएम (पीआर) मिथिलेश कुमार ने बताया कि कैश डिपॉजिट का फ्लो कम हुआ है. आरबीआई से रिक्वेजेशन करते हैं लेकिन कुछ दिनों से फुलफिल नहीं हो पा रहा है. जानकारी के मुताबिक बिहार में एसबीआई के 1100 एटीएम हैं. 1100 एटीएम में रोजाना 250 करोड़ रुपये की जरूरत है. लेकिन अभी 125 करोड़ रुपये यानी आधा पैसा ही मिलता है. पटना में सिर्फ सरकारी बैंकों में ही नहीं प्राइवेट बैंकों के एटीम में भी कैश की किल्लत है.


एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी: RBI
रिजर्व बैंक के सूत्रों के मुताबिक त्योहारी मांग की वजह से कैश की कमी हुई है. जितनी जरूरत थी उतना कैश सप्लाई नहीं हुआ है लेकिन स्थिति अब सामान्य हो रही है. रिजर्व बैंक के मुताबिक एक दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी.


बिहार में कैश की किल्लत को ABP न्यूज़ की पड़ताल


सहरसा: एबीपी न्यूज़ ने कैश की किल्लत को लेकर बिहार के सहरसा में पड़ताल की. सहरसा में सभी बैंकों के करीब 150 एटीएम हैं. पड़ताल में पता चला कि पिछले पंद्रह दिनों से सभी एटीएम में कैश की कमी है. एसबीआई के दो या तीन एटीएम से ही कैश निकल रहा है.


भागलपुर: भागलपुर में भी सहरसा जैसे हालात ही नजर आए. एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में पता चला कि कैश की किल्लत से आम जनता परेशान है. लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ना तो एटीएम से ही पैसे निकल रहे हैं और ना ही बैंक से. एबीपी न्यूज़ ने कुछ बैंक अधिकारियों से भी बात की. उन्होंने बताया कि 2000 नोट आना बंद हो गया है और छोटे नोटों की कमी चल रही है.


मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी जिले के हालात भी बाकी जिलों जैसे ही हैं. पड़ताल में सामने आया कि या तो ज्यादातर एटीएम के शटर गिरे हुए हैं या फिर एटीएम के बाहर नो कैश का बोर्ड लगा है. लोग एक एटीएम से दूसरे एटीएम के चक्कर काट रहे हैं. मोतिहारी में यह हालात पिछले एक सप्ताह से बने हुए हैं. यहां भी बैंक अधिकारी रिजर्व बैंक कम कैश आने की बात कह रहे हैं.


औरंगाबाद: औरंगाबाद में हालात इस कदर खराब हैं कि पैसा ना मिलने से नाराज लोगों ने गोह-गया सड़क को जाम कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जाम खुलवाया. नाराज लोगों का कहना है कि एटीएम में पैसा नहीं है और बैंक से भी बेरंग लौटा दिया जा रहा है. नाराज लोगों ने बैंकों पर मनमानी का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि बैंक बड़े व्यवसायियों को पैसे दे रहे हैं कि जबकि आम लोगों खाली हाथ लौटाया जा रहा है.


गया: एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में गया में भी हालात अलग नजर नहीं आए. ग्राहकों में सरकार के प्रति नाराजगी भी देखने को मिली. लोगों ने कहा कि सरकार कैशलेश की बात करती है लेकिन कोई कार्ड से पेमेंट लेने को तैयार नहीं है. दवा की दुकानों पर भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. बता दें कि गया में एसबीआई का चेस्ट ब्रांच है. चेस्ट ब्रांच मतलब जहां से सभी बैंकों को पैसा जाता है. इस ब्रांच में लगे तीन में से दो एटीएम खराब हैं और एक पर लंबी लाइन नजर आई.


जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद में एबीपी न्यूज़ ने दस एटीएम की पड़ताल की, इनमें आठ एटीएम बंद मिले. दो एटीएम जो काम रहे थे उन पर लंबी कतारें नजर आईं. शहर की मुख्य एसबीआई ब्रांच के एटीएम का शटर भी गिरा हुआ मिला. यहां भी बैंक ग्राहक कैश की किल्लत का रोना रोते नजर आए.