Maharashtra ATS Action: महाराष्ट्र ATS ने हाल ही में गिरफ्तार किए ISIS और अल सूफा के आतंकियों से पूछताछ की, जिसमें खुलासा हुआ है की 15 अगस्त के करीब आतंकी देश के बड़े शहरों को निशाना बनाने वाले थे.  


आतंकियों के निशाने पर भारत और इजरायल दोनों ही देश हैं. 18 जुलाई की रात पुणे के कोठरुड में वाहन चोरी के शक में पुणे पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया जबकि एक फरार हो गया था. अब तक एटीएस ने पांच संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया है.  


कैसे हुआ खुलासा? 
जांच में पता चला की कार और बाइक की चोरी करने के पीछे कोई मामूली चोरी नहीं, बल्कि देश के खिलाफ जंग और आतंकवाद का छिपा चेहरा है. ATS को पता चला की पकड़े गए दो युवक मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूनुस खान और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी आतंकी संगठन अल सूफा के स्लीपर सेल के लिए काम करते हैं और दोनों NIA के जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस के वांटेड आरोपी हैं. ATS ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया जबकि इनका तीसरा साथी शाहनवाज फरार हो गया.


एटीएस ने बताया कि पुणे के कोथरुड से गिरफ्तार किए गए दोनों खान और साकी ने विशेष रूप से पश्चिमी महाराष्ट्र में अपनी मोटरसाइकिलों पर 1,000 किमी से अधिक की यात्रा की और क्षेत्र की रेकी की. साकी और खान सीरियल ब्लास्ट की तैयारी में थे. इन्होंने एक आतंक की लैब भी बनाई थी.


एटीएस ने गिरफ्तार आरोपियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में कथित संलिप्तता के लिए रत्नागिरी जिले से आईटी इंजीनियर एसएन काजी (27 साल) और खान और साकी को आश्रय देने के लिए गोंदिया से कादिर दस्तगीर पठान (33 साल) को गिरफ्तार किया है. 



पकड़ा गया मास्टरमाइंड ? 
इसी मामले में ATS ने जुल्फिकार अली बड़ौदावाला को गिरफ्तार किया. दरअसल, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला पहले से ISIS आतंकी संगठन से जुड़े होने के चलते NIA की कस्टडी में था. जुल्फिकार को 3 जुलाई 2023 को NIA ने महाराष्ट्र ISIS मॉड्यूल के तहत गिरफ्तार किया था.


जैसे ही NIA की कस्टडी खत्म हुई और कोर्ट ने जुल्फिकार को न्यायिक हिरासत में भेजा, उसी समय ATS ने कोर्ट को बताया की जुल्फिकार उनके केस में आरोपी है और उसकी कस्टडी चाहिए. जुल्फिकार को 11 अगस्त तक ATS कस्टडी में भेज दिया गया. जुल्फिकार पर आरोप है की उसने अन्य आरोपियों को फंड मुहैया कराया था. जुल्फिकार अली NIA से गिरफ्तार आतंक के डॉक्टर अदनान अली सरकार का साला है. हाल ही में NIA ने डॉक्टर अदनान अली सरकार को भी गिरफ्तार किया है, उसकी 8 अगस्त तक NIA कस्टडी है. 


पेशे से आईटी इंजीनियर, बड़ौदावाला मुंबई स्थित एक फर्म में काम कर रहा था, जिसका कार्यालय पुणे में था. जांच अधिकारियों के अनुसार, तकनीकी विशेषज्ञ पिछले कुछ वर्षों से पुणे में रह रहा था, इससे पहले कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसे आईएसआईएस के महाराष्ट्र मॉड्यूल के साथ कथित संबंधों के लिए 3 जुलाई को गिरफ्तार किया था.


एटीएस ने मुंबई सत्र न्यायालय को बताया कि उन्होंने दो आतंकी संदिग्धों की गिरफ्तारी से जुड़े पुणे मामले में बड़ौदावाला के मजबूत संबंध स्थापित किए हैं और उसकी हिरासत की मांग की है. बड़ौदावाला को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया था और आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में एनआईए से जांच की गई थी.



लैब से मिला बम बनाने का सामान
महाराष्ट्र एटीएस ने गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर एक जगह छापा मारकर बम बनाने के इस्तेमाल में आने वाले केमिकल और सामान को जब्त किया. आरोपी एक स्पेशल बम बनाकर बड़े शहरों में धमाका करने का बड़ा प्लान बना रहे थे.


एटीएस ने पुणे से एक जगह पर छापा मारकर बम बनाने वाली चीजों को जब्त किया है. एटीएस को बम बनाने के लिए आवश्यक सामग्री मिली, जिसमें रासायनिक पाउडर, चारकोल, थर्मामीटर, ड्रॉपर, सोल्डरिंग गन, मल्टीमीटर, छोटे बल्ब, बैटरी, अलार्म घड़ी और मोटरसाइकिल चोरी करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक चाबी शामिल थी. एटीएस को ये सारी चीजे पुणे के पास एक लैब में मिली हैं.



ये सामान भी बरामद
लैब में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न केमिकल, पीपेट, विभिन्न लैब इक्विपमेंट बरामद किए गए हैं. आरोपियों की निशानदेही पर जिस दुकान से सभी सामान की खरीद की गई, उसकी पहचान की गई. प्रयोगशाला की इन सभी चीजों को एक गुप्त जगह पर छिपाकर रखा गया था. इसके पहले आरोपियों के पास केमिकल पावडर घर से भी बरामद हुआ था. फैन की रॉड में बम बनाने की विधि लिखी गई, वो दस्तावेज मिला था.  


500 GB डाटा में पुणे जिले के कई स्थानों की ड्रोन से ली गई तस्वीरें और गूगल मैप से विभिन्न स्थानों के स्क्रीनशॉट शामिल हैं, इसमें मुंबई के छाबड़ हाउस की कुछ तस्वीरें भी हैं. वहीं, राजस्थान में हमले की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्ध आतंकवादियों के पास से मुंबई के छाबड़ हाउस की तस्वीर बरामद होने के बाद मुंबई पुलिस को भी सूचित किया गया था.


आतंकियो के घर से एक तंबू भी बरामद किया गया जिसे दोनों ने पुणे के निकटवर्ती जिले के वन क्षेत्रों में रहने के लिए कथित तौर पर खरीदा था. दोनों संदिग्ध जब भी टोह लेने जाते थे, तो होटल में रुकने से बचते थे और तंबू में रहते थे. वे राज्य में कई जगह गए हैं.



फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार  
संदिग्ध आतंकवादी ‘वीडियो और तस्वीरें’ लेने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते थे लेकिन अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने इनकी मदद से कहां की तस्वीरें ली हैं. ATS के मुताबिक, ड्रोन का इस्तेमाल करके किस जगह की तस्वीरें ली गईं या वीडियो बनाए गए, यह फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा. ड्रोन की फुटेज भी नहीं मिली है क्योंकि उसे फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है. साथ ही छाबड़ हाउस और पुणे के कई ठिकानों की गूगल इमेज जरूर मिली हैं.


जिस तरह से ISIS मॉड्यूल और पुणे में गिरफ्तार रतलाम के रहने वाले और राजस्थान से वांटेड अल सूफा के इन आतंकियों के तार जुड़ रहे हैं, उससे स्पष्ट है की अल सूफा मॉड्यूल के साथ मिलकर आतंकी एक बड़ी साजिश की तैयारी में थे. 


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